आईजीएमसी में खाने की कैंटीन को लेकर उपजा विवाद । मोके पर पुलिस ने संभाला मोर्चा 

 

 

शिमला। अाईजीएमसी में खाने की कैंटीन काे लेकर मंगलवार काे खूब हंगामा हुअा। प्रशासन ने कैंटीन काे खाली करवाने के लिए कैंटीन संचालक काे 20 दिन पहले नाेटिस जारी किया था, जिसके तहत संचालक ने साेमवार तक कैंटीन खाली नहीं की ताे एमएस खुद प्रशासनिक अधिकारियाें के साथ कैंटीन खाली करवाने पहुंच गए। जब संचालक ने कैंटीन खाली करने से इंकार कर दिया ताे माैके पर प्रशासन ने पुलिस बुला ली। इस दाैरान काफी देर तक यहां हंगामा भी हुअा। इस दाैरान प्रशासन ने कैंटीन बंद ताे करवा दी, मगर उसे खाली नहीं करवाया जा सका। क्याेंकि कैंटीन संचालक ने उसे खाली करने से इंकार कर दिया। जबकि माैके पर पहुंचे पुलिस ने कहा कि वह प्रशासन काे प्राेटेक्शन ताे दे सकते हैं, मगर वह जबरन कैंटीन खाली नहीं करवा सकते।
इस बारे में कैंटीन के संचालक जाेगेंद्र श्याम ने बताया कि वह अाईजीएमसी में बीते 10 से 12 सालाें से कैंटीन चला रहे हैं। उन्हाेंने दावा किया कि उनका टेंडर एक्सडेंट कर दिया गया था। अब प्रशासन उन्हें खाली करने का नाेटिस भेज रहा है। हालांकि उनका मामला काेर्ट में विचाराधीन हैं। अभी उस पर निर्णय अाना बाकि है।

अन्नपूर्णा थाली खाेलने की है याेजना
अाईजीएमसी प्रशासन ने 2019 के बजट में अाईजीएमसी में अटल अन्नपूर्णा मुफ्त थाली याेजना खाेलने का प्लान तैयार किया था। इसमें मरीजाें के साथ अाने वाले तीमारदाराें के लिए मुफ्त खाना देने की याेजना थी। यह याेजना इसकी कैंटीन में शुरू की जानी थी। मगर इस कैंटीन पर विवाद हाेने के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब प्रशासन इसे खाली करवाना चाहता है।

काेट
अाईजीएमसी में खाने की कैंटीन का टेंडर खत्म हाे चुका है, मगर संचालक उसे खाली करने से इंकार कर रहा है। उसे कई बार नाेटिस दिए गए, मगर वह इसे अनदेखा करता अा रहा है। एेसे में मंगलवार काे कैंटीन काे खाली करवाने के लिए हमने बात की। मगर संचालक अभी भी अानाकानी कर रहा है। टेंडर खत्म हाेने के बाद कैंटीन चलाना नियमाें के खिलाफ है।
डाॅ. जनकराज एमएस अाईजीएमसी शिमला

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