शिमला: अभिभावक संघ शिमला ने प्रदेश सरकार से आगामी विधानसभा सत्र में फीस नियंत्रण को लेकर कानून बनाने की मांग की है। निजी स्कूलों की फीस को लेकर अभिभावक संघ ने शिक्षा विभाग को भी सुझाव दिया है। शिमला में आयोजित प्रैस वार्ता में अभिभावक संघ अध्यक्ष रमेश ने कहा कि वे प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित फीस विनियमन कानून लाए जाने के पक्ष में लगातार मांग कर रहे है। उन्होने कहा कि कोरोना महामारी के प्रभाव से अधिक्तम अभिभावकों की आय प्रभावित हुई है। ऐसे में उत्तर प्रदेश, दिल्ली एंव अन्य राज्यों की तर्ज पर अभिभावकों को राहत देने का प्रावधान किया जाए और ये प्रावधान महामारी के खत्म होने तक जारी रहे। अभिभावक संघ का कहना है कि अधिक्तम वार्षिक बढ़ोतरी 3 फीसदी के हिसाब से की जानी चाहिए। ये फीस अभिभावकों की आम सहमति के आधार पर बढाई जानी चाहिए। अध्यक्ष रमेश ने कहा कि प्रदेश में फीस विनियमन समिति की व्यवस्था शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में प्रदेश स्तर पर व उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तर पर हो, जिसमें लोकतांत्रिक आधार पर चुने गए पीटीए अध्यक्ष भी सदस्य हो। उन्होने कहा कि ये समिति प्रत्येक तिमाही मे प्रदेश सरकार को शुल्क का ब्यौरा दिया करें। अभिभावक संघ की मांग है कि प्रदेश के सभी स्कूलों में फीस का भुगतान आय की तर्ज पर ही मासिक आधार पर किया जाए और सभी निजी स्कूल शुल्क का विस्तृत ब्यौरा भी प्रदान करें। अभिभावक संघ ने ये भी सुझाव दिया है कि सभी निजी स्कूलों से वार्षिक शुल्क के बारे में स्थिति स्पष्ट करने और इसका लेखा जोखा, लेखा परीक्षा एंव कर विभाग के दायरे में लाया जाए। उन्होने कहा कि यदि कोई कोताही बरती जाती है तो दोषी पाए जाने वाले स्कूलों पर कड़े आर्थिक दण्ड का प्रावधान किया जाए।
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