शिमला : श्यामला एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा गेयटी में लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर मातृ नमन कार्यक्रम को आयोजित किया। इस कार्यक्रम में हिमाचल के 25 माताओं को सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने संघर्ष और समर्पण के दम पर बच्चों को आगे बढ़ाया। इस कार्यक्रम का आरंभ करते हुए ट्रस्ट के अध्यक्ष सूरज जमालटा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। सचिव ईशा शर्मा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।
ट्रस्ट के संरक्षक प्रोफेसर नितिन व्यास ने कार्यक्रम की रूपरेखा और उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि माँ के बिना जीवन में कोई भी उपलब्धि हासिल नहीं हो सकता। माँ का प्रोफाइल चाहे बड़ा हो या छोटा लेकिन वह अपने बच्चों के लिए अपना जीवन दांव पर लगा देने से एक पल भी नहीं हिचकती हैं। मुझे ऐसी ऐसी माएं मिली जिन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए दिन में दो-दो शिफ्टों में काम किया। दोगुना काम करके आधा पेट खाना खाया लेकिन अपने बच्चो को पढ़ाया आगे बढ़ाया। ऐसे बहुत सारी माताएं हमें मिली जिनके संघर्षों ने उनके बच्चो को ना सिर्फ ऊंचे मुकाम पर पहुंचाया बल्कि उनके बच्चों ने देश और समाज के लिए बड़ा योगदान दिया। ऐसी माताओं का सार्वजनिक मंचों से सम्मान होना चाहिए। दुनिया को उनके संघर्ष की कहानियाँ पता होनी चाहिए यह सोचकर हमने इस कार्यक्रम को करने की ठानी। ऐसी माताओं का नमन करके हम खुद को धन्य समझते हैं। इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर और नारी शक्ति की सशक्त आवाज पत्रकारिता के बड़े चेहरे रुबिका लियाकत का साथ मिलना हम सभी के लिए गर्व की बात है।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रूबिका लियाकत ने कहा कि यहाँ पर बैठे लोगों कि संघर्षों को सुन कर मैं दंग हूँ। हर माँ की एक कहानी है जो संघर्षों से भरी है लेकिन उस संघर्षों ने अपने बच्चों के लिए समाज के लिए नए रास्ते निकाले हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के लिए प्रोफेसर नितिन व्यास का जितना धन्यवाद किया जाये उतना कम है क्योंकि दुनिया तो हीरोज को नवाजती है लेकिन इनकी टीम ने हीरोज को गढ़ने वाली माताओं को नवाजा है। उन्होंने कहा कि माताएं अनवरत संघर्ष करती है लेकिन वह संघर्ष उनके चेहरे पर कभी नजर नहीं आता है। उन्होंने कहा कि हमारी माँ पहले है लेकिन भारत माता उससे भी पहले है। जहाँ भारत माता की बात हो वहाँ कोई धर्म नहीं कोई रिवाज नहीं कोई मजहब नहीं कोई और विचार नहीं सबसे आगे आना ही हम बेटों का कर्तव्य है।
सम्मानित होने वाली माताएँ
ट्रस्ट ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम की तेज गेंदबाज रेणुका सिंह ठाकुर की माँ सुनीता ठाकुर को विपरीत परिस्थितियों में भी हार न मानकर रेणुका को क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित करके एक मुकाम पर पहुँचाने के लिए सम्मानित किया।क्रिकेटर सुषमा वर्मा की माँ गौरा देवी, कबड्डी खिलाड़ी चंपा ठाकुर की माँ नारो देवी को सम्मानित किया।
इस साल की त्रासदी में अपने परिवार को खो चुकी मासूम नीतिका की बुआ किरना देवी, मशहूर टीवी एक्ट्रेस शिव्या पठनिया की माँ पुष्पा पठानिया शिक्षा विभाग में लिपिक के पद से सेवा निवृत्त हुई मयंक की माता राजेश्वरी देवी को भी विपरीत परिस्थितियों में हार न मानकर संघर्ष करने के लिए सम्मानित किया।
शूटिंग की के क्षेत्र में कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीतने वाली उभरती स्टार एलिसा बट्टा की माता पूनम गहलोत अपनी बेटियों की उच्च शिक्षा के लिए आगे आने वाली पूर्णिमा झींगटा, वरिष्ठ विधिवेत्ता, भारत सरकार में सचिव, देश के विभिन्न कानूनों के निर्माण में सहयोग करने वाली डॉ रीता वशिष्ठ को भी सम्मानित किया।
इस कार्यक्रम में शिमला जिले के चिरगांव तहसील के सिंदासली गांव की प्रतिभाशाली गायिका प्रदेश की पहली शत प्रतिशत दृष्टिबाधित डॉक्टरेट डॉ मुस्कान कुमारी, शिमला में दंत चिकित्सक के रूप में सेवाएं दे रही मेजर डॉ ऋतु कालरा को सम्मानित किया।
प्रदेश की एक प्रमुख वॉलीबॉल खिलाड़ी, कोच और खेल वैज्ञानिक डॉ रवींद्रा बाँशटू, चंबा जिले की ग्राम पंचायत बघेईगढ़ की प्रधान और स्कूल के समय राज्य स्तरीय कबड्डी खिलाड़ी रह चुकी शकुंतला देवी, समर्पित सोशल एक्टिविस्ट, आर्टिस्ट, डायरेक्टर और अभिनेत्री महिलाओं के सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा के लिए निरंतर कार्यरत तरुणा मिश्रा को भी सम्मानित किया है।
इसके साथ ही उद्यमिता और आत्मीनिर्भरता के क्षेत्र में काम करने वाले शिमला की उद्यमी योलो ट्रैवल्स प्रेरणा कंवर, हिमाचली कारीगर, पारंपरिक धातु कार्य और हाथ की कढ़ाई को संरक्षित एवं प्रचारित कर अपना ब्रांड स्थापित करने वाली कणिका अट्रेटा, हिमाचल प्रदेश के उद्योग निदेशालय में 14 वर्षों तक को-कोऑर्डिनेटर के रूप में कार्यरत रही सुनिता बैग मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की संस्थापक, 2010 से पुराने बस स्टैंड में एक पीजी चलाने वाली, 2017 में पति के निधन के बाद परिवार की एकमात्र सहारा बनीं और अपनी बेटी की मानसिक-शारीरिक चुनौतियों के बावजूद हिम्मत नहीं हारने वाली मिसेज कल्पना, कुटीर उद्योग चलाने वाली सफल उद्यमी नीलम वर्मा को सम्मानित किया।
ऋषिका स्वयं सहायता समूह की संचालिका नीता पांडेय और शकुंतला पांडेय, 45 वर्ष की आयु में निजी नौकरी शुरू कर परिवार पालने वाली आशा शर्मा, स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व विधायक पंडित सीता राम शर्मा की पोती आशा शर्मा को भी सम्मानित किया जिन्होंने गंभीर शरीक चुनैतियों के बाद भी हार नहीं मानी। इसके अलावा अपने पति की मृत्यु के बाद भी हार न मान कर अपने बच्चों को पढ़ा कर एसबीआई में प्रबंधक बनाने वाली सोमा देवी को भी सम्मानित किया जो 80 साल की उम्र में भी स्वावलंबी हैं।

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