हिमाचल प्रदेश विवि के शिक्षकों का आंदोलन शुरू वेतन से लेकर कई मसलों को लेकर है नाराज

 

शिमला।हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ (हपुटवा)ने प्राध्यापकों की उपेक्षा के विरोध में धरना शुरू कर दिया। शिक्षकों की मांगों को लेकर हपुटवा के आह्वान पर कुलपति कार्यालय के बाहर एक धरना दिया। इसमें विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षकों ने भाग लिया। यह सांकेतिक धरना प्रदेश सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीन कार्यप्रणाली के विरुद्ध किया गया। इसमें ए प्रो. संजय शर्मा ने तीखा प्रहार करते हुए कहा, यह कैसी व्यवस्था परिवर्तन है, जिसमें सभी वर्गों के कर्मचारी – चाहे वो वोकेशनल टीचर हों, बिजली बोर्ड के कर्मचारी हों, सचिवालय कर्मी हों या शिक्षक – सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। यह प्रदेश की सच्चाई है कि कर्मचारी वर्ग आज प्रताड़ना झेल रहा है। डॉ. राजेश ने सरकार की दोहरी नीति पर सवाल उठाते हुए कहा सरकार एक ओर आर्थिक तंगी का हवाला देकर शिक्षकों की पदोन्नतियां रोक रही है, वहीं दूसरी ओर विधायकों और मंत्रियों की तनख्वाहें बढ़ाने के लिए तुरंत विधेयक पास कर रही है। यह सरासर अन्याय है।”डॉ. जोगिंदर सकलानी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि, 2016 के सातवें वेतन आयोग के तहत लंबित एरियर और 11 फीसद डीए का तत्काल भुगतान किया जाए। जबकि उच्च प्रशासनिक पदों पर बैठे लोग अपने प्रमोशन और फायदे समय पर ले लेते हैं, शैक्षणिक वर्ग को दरकिनार किया जा रहा है। संघ अध्यक्ष डॉ. नितिन व्यास ने बताया कि, शिक्षकों के लिए प्रस्तावित नए आवासीय भवनों का निर्माण वर्षों से रुका हुआ है, हालांकि यूजीसी की ‘मेरु’ योजना के तहत पर्याप्त फंड उपलब्ध है। फिर भी निर्माण की नींव तक नहीं रखी गई। महासचिव अंकुश ने विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली को राजनीति से ग्रस्त बताया। उन्होंने कहा यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक प्राध्यापक को अपनी प्रमोशन के लिए भी सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। यदि मांगे नहीं मानी गईं तो जल्द ही विश्वविद्यालय में क्रमिक अनशन की शुरुआत की जाएगी। धरने में विवि के पूर्व प्रति कुलपति, ज्योति प्रकाश, ट्राइबल स्टडी चंद्रमोहन परशिरा, प्रो. हरि सिंह, प्रो. शशिकांत शर्मा , प्रो. विकास डोगरा, डॉ योगराज उपाध्यक्ष , डॉ अनिल कुमार , डॉ सनी अटवाल,डॉ सुनीत, डॉ मृदुला, डा. रितिका, डा नीलम, डा मृदुला, डॉ राम लाल, डा. डॉ राजेश,डॉ राकेश, डा. सुरेंद्र,डॉ योगराज, डा अनिल, प्रीति कंवर, डॉ गौरव आदि प्राध्यापक उपस्थित रहे

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