November 21, 2024

एसजेवीएन ने एएम अमोनिया (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू हस्‍ताक्षरित किया

शिमला: एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्‍थ कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) और एएम ग्रीन अमोनिया (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर  अखिलेश्वर सिंह, एसजेवीएन के निदेशक (वित्त) की उपस्थिति में दिल्‍ली में आज हुए।

एसजीईएल के सीईओ,  अजय सिंह और एएम ग्रीन अमोनिया के सीईओ  भुवन चंद्र त्रिपाठी ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए और इस अवसर पर एसजीईएल के मुख्य वित्तीय अधिकारी,  ए. एम. झाएसजेवीएन के महाप्रबंधक (वित्त),  जितेन्द्र यादव तथा एसजेवीएन/एसजीईएल एवं ग्रीनको ग्रुप के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। 

ग्रीनको ग्रुप के तहत आने वाली कंपनी एएम अमोनिया (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेडआंध्र प्रदेश के काकीनाडा में विश्‍व का सबसे बड़ा ग्रीन अमोनिया प्लेटफॉर्म में से एक को विकसित कर रही है।  प्लेटफॉर्म को दो चरणों में विकसित किया जाएगाजिसका आरंभ एक मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) की क्षमता से होगा और वर्ष 2030 तक इस क्षमता को बढ़ाकर पांच मिलियन टन प्रति वर्ष किया जाएगा – जो एक मिलियन टन हाइड्रोजन प्रति वर्ष के बराबर है।  इस एमओयू के तहत दोनों पक्षों ने आपसी सहमति एवं शर्तों पर इन ग्रीन अमोनिया संयंत्रों के लिए दीर्घकालिक आधार पर नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति/स्रोत के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करने पर सहमति व्‍यक्‍त की है।

एसजीईएल भारत में तीन चरणों में 2500-3000 मेगावाट की सौर परियोजनाओं और 1500-2000 मेगावाट की पवन परियोजनाओं सहित 4,500 मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की संभावनाओं का पता लगाएगी, जिससे वार्षिक आधार पर लगभग 11,500 मिलियन यूनिट की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

एसजीईएल एवं एएम अमोनिया ने डॉलर मूल्यवर्ग में टैरिफ के ऑफर सहित एसजीईएल को प्रतिस्पर्धी टैरिफ और पर्याप्त रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए नवीन वाणिज्यिक फ्रेमवर्क का पता लगाने पर सहमति व्यक्त की है।  यह सहमति हुई है कि दोनों पक्ष जल्द ही एक निश्चित करार पर हस्ताक्षर करेंग ताकि आगामी कार्रवाई को औपचारिक रूप प्रदान किया जा सके।

एसजीईएल का वर्तमान में विकास के विभिन्न चरणों अर्थात प्रचालन, निर्माण एवं पूर्व निर्माण के तहत लगभग 7.2 गीगावाट के नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो है।  यह एमओयू एसजीईएल के वाणिज्यिक एवं औद्योगिक क्षेत्र में प्रथम उद्यम की ओर मार्ग प्रशस्त करता है।

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