अदभुत सकारात्मक ऊर्जा सृजन का पर्व है नवरात्रि

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 शिमला ।शारदीय नवरात्र पर्व का आरंभ इस रविवार से हो चुका है। मंदिरों में श्रद्धालुओं की कतारें लगी हैं बाजारों में रौनक देखते ही बनती है। हिमाचल के सभी मुख्य पांच शक्तिपीठों में लोगों का भारी संख्या में आना लगातार जारी है। हर साल दो बार आने वाले नवरात्र पर्व पूरी प्रकृति के लिए नवजागरण का काल होता है। रबी और खरीफ की फसलों में विशेष हरितिमा दिखती है।
क्या है नवरात्रि का महत्व
नवरात्रि यानि नौ विशेष ऊर्जा प्राप्ति करने की रात्रियां जब प्रकृति आपको कार्य करने में विशेष सक्षम बनाती है। संस्कृतविद् पूर्ण प्रकाश शर्मा के अनुसार रात्रि वह काल है जब हर तरफ एक शांति होती है लोग थककर निद्रा में होते हैं। इस समय साधक अपनी चेतना को मातृ चरणों में नियोजित करते हुए विशेष ध्यान करते हैं। ये ध्यान उस साधक को अदभुत ऊर्जा से भर देते हैं। जीवन में निरंतरता से उपजे तनाव से उत्पन्न नीरसता को दूर करने के लिए एक रस पैदा होता है। ये रस सकारात्मकता के प्रवाह को बढ़ा देता है। जीवन के हर क्षेत्र में अग्रणी रहने के लिए जो क्षमता वर्धन की ऊर्जा रहती है । वह ऊर्जा इन दिनों में उत्पन्न होती है। जीवन के हर क्षेत्र में जो लोग भी विशेष सफल रहते हैं उनके पीछे कहीं न कहीं यही ऊर्जा काम करती है।
नए कामों की शुरूआत करने का होता है अवसर
संस्कृतविद् पूर्ण प्रकाश शर्मा का कहना है कि नवरात्रि के समय ही लोग नए कामों की शुरूआत करना सही मानते हैं। नई गाड़ियां, नए मकानों की शुरुआत लोग इस काल में ही करना पसंद करते हैं। मुंडन हो या शादी लोग नवरात्रों के विशेष काल का ही लाभ लेते हैं।
आयु को बढ़ाने के साथ बढ़ती आयु पर लग सकती है रोक
पूर्ण प्रकाश शर्मा का मानना है कि अगर आप प्राचीन विधियों से भगवती परम्बा की उपासना करते हैं। तो आप अपनी बढ़ती आयु पर भी एक रोक लगाने में सक्षम हो जाते हैं। जिस प्रकार सूखे पेड़ नवरात्र वेला में हरे भरे पत्तों से नए से दिखते हैं। प्रकृति में एक हरितिमा के दर्शन होते हैं उसी प्रकार मनुष्य शरीर में पुराने और मृत हो रहे सेल नए हो सकते हैं। नूतन कोशिकाओं के प्रक्रिया शुरू होती है और आयु में कमी दिखाई देती है। इससे आप एकदम नई अवस्था में आ जाते हैं।
भारतीय संस्कृति में नवरात्रि को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस समय देवी  दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है।  नवरात्रि का विशेष समय साल में 4 बार आता है। चैत्र नवरात्रि, शरद नवरात्रि, आषाढ़ गुप्त नवरात्रि और माघ गुप्त नवरात्र।  इन सभी नवरात्रि में से चैत्र और शरद नवरात्रि का खास महत्व होता है।

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