शिवरात्रि व्रत पूजा कैसे करे–
पंडित वासुदेब ने बताया कि शिवपुराण की कोटिरुद्रसंहिता में बताया गया है कि शिवरात्रि व्रत का पालन करने से भोग और मोक्ष दोनों प्राप्त होते हैं। ब्रह्मा, विष्णु और पार्वती के पूछने पर भगवान सदाशिव ने बताया कि शिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति को महान पुण्य की प्राप्ति होती है। मोक्ष प्रदान करने वाले चार संकल्पों का पालन करना चाहिए। ये चार संकल्प हैं – शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा, रुद्रों का जाप, शिव मंदिर में उपवास और काशी में काशी में देहत्याग। शिवपुरी में मोक्ष के चार अनन्त मार्ग बताए गए हैं। इन चारों में भी शिवरात्रि व्रत का विशेष महत्व है।
शिवरात्रि व्रत पूजा कैसे करे –
यह सभी के लिए धर्म का सबसे अच्छा साधन है। इस महान व्रत को सभी मनुष्यों, वर्णों, स्त्रियों, बच्चों और देवताओं के लिए बिना पाप के परम उपकारी माना गया है। हर महीने के शिवरात्रि व्रत में फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को होने वाले महाशिवरात्रि व्रत का शिव पुराण में विशेष महत्व है। और फाल्गुन मास की शिवरात्रि का विशेष महत्व है क्यो की इस दिन शिव विवाह हुआ था।
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