शिमला: इंदिरा गांधी मैडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सुरक्षा कर्मचारियों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सुरक्षा कर्मचारियों की एक बैठक अस्पताल परिसर में सपंन्न हुई। जिसमें सुरक्षा कर्मचारी यूनियन ने फैसला लिया कि सुरक्षा कर्मचारी अब मशीनों में हाजरी नहीं लगाएंगे। यह आदोंलन तब तक जारी रहेगा जब तक आई.जी.एम.सी के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व नियमित कर्मचारियों को मशीनें नहीं लगाई जाती। आई.जी.एम.सी सुरक्षा कर्मचारी यूनियन के महामंत्री प्रवीण शर्मा ने कहा कि अस्पाल में कानून सभी के लिए बराबर होना चाहिए। जहां एक ओर सिर्फ सुरक्षा कर्मचारियों को ही मशीनों में हाजरी लगाने के लिए कहा जा रहा है। वहीं अस्पताल के नियमित कर्मचारियों व अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए कोई नियम ही नहीं है। वहीं यूनियन अध्यक्ष बबलू ने प्रबंधन पर आरोप लगाया कि सुरक्षा कर्मचारियों को प्रबंधन द्वारा बेवजह परेशान किया जा रहा और नए नए नियम थोपे जा रहे हैं। वहीं सुरक्षा कर्मचारियों के साथ प्रबंधन द्वारा सौतेला व्यवहार भी किया जा रहा है और मानिकस रूप प्रताडि़त किया जा रहा है। जिस कारण अब सुरक्षा कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर है। उन्होंने प्रबंधन को चेताया कि यदि सुरक्षा कर्मचारियों को इसी तरह से प्रताडि़त किया गया तो सुरक्षा कर्मचारी सडक़ों पर उतर कर आंदोलन करेंगे। वहीं सरकार के समक्ष भी इस समस्या का रखेंगे। इस मौके पर सुरक्षा कर्मचारी अमर, अभिषेक, देवराज, श्याम लाल, साहिल, सचिन, यश्पाल, अभिलाषा, नीलम, भूमि, पिंकी, अनीता, सीमा, रंजन, शीतल सहित अन्य मौजूद रहे।
अभी तक नहीं मिला कोविड फंड
सुरक्षा कर्मचारियों ने कहा कि कोविड काल में डयूटी देने वाले को सरकार ने कहा था कि सभी सुरक्षा कर्मचारियों, सफाई व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अतिरिक्त भत्ता दिया जाएगा। यूनियन प्रबंधन पर आरोप लगाया कि कोविड काल के दौरान लगातार डयूटी का सुरक्षा कर्मचारियों को किसी प्रकार के अतिरिक्त भत्ते नहीं दिए गए हैं। जबकि सफाई व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को यह भत्ता जारी किया है। प्रबंधन की इस कार्यप्रणाली से साफ दिख रहा है कि सुरक्षा कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किा जा रहा है
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