सामुदायिक स्वास्थय अधिकारियों को एन.एच.एम के अधीन ले प्रदेश सरकार कोरोना काल महामारी में दिन रात अधिकारियों ने मुहैया करवाई सेवाएं

शिमला, : हिमाचल के हैल्थ वेलनेस सैंटरों में सेवाएं दे रहे सामुदायिक स्वास्थय अधिकारियों(कॉम्यूनिटी हैल्थ ऑफिसरर्ज) का एक प्रतिनिधिमंडल ऑल इंडिया एसोसिएशन कॉम्यूनिटी हैल्थ ऑफिसरर्ज हिमाचल प्रदेश की अध्यक्ष गुलशन ठाकुर की अध्यक्षता में स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल से मिला। इस मौके पर एसोसिएशन अध्यक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री को सामुदायिक स्वास्थय अधिकारियों को एन.एच.एम के अधीन लिए जाने को लेकर एक मांग पत्र सौंपा और मंाग की इस मामले में सरकार विचार करें सामुदायिक स्वास्थय अधिकारियों की समस्याओं को समाधान करे। इस मौके पर गुलशन ठाकुर ने स्वास्थ्य मंत्री को अवगत करवाया कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत देश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हेल्थ सब सेंटरों को स्तरोन्नत कर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में तबदील किया गया, ताकि लोगों को घरद्वार पर ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। हिमाचल में इन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों यानी सी.एच.ओ की तैनाती एचएलएल कम्पनी के माध्यम से की गई है। उन्होंने बताया कि 14 जुलाई 2022 की प्रदेश की कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि सरकार सी.एच.ओ के 880 पद एन.एच.एम के अधीन अनुबंध आधार पर भरेगी। इस सम्बन्ध में भी एसोसिएशन 20 जुलाई 2022 को पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी शिमला में मिली थी और एन.एच.एम हिमाचल के अधीन डायरेक्ट लेने का आग्रह किया गया। लेकिन अधिकारियों की 3 साल सेवाएं देने के बाद भी सरकार अन्य राज्यों की तर्ज पर एनएचएम के अधीन नहीं ले रही है जो न्यायसंगत नहीं है।

प्रदेश के सी.एच.ओ ठगा सा कर रहे महसूस
कॉम्यूनिटी हैल्थ ऑफिसरों ने स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि अब यह नियम सामने आ रहे हैं कि
अगर सेवारत सी.एच.ओ को एन.एच.एम के अधीन आना है तो उन्हें फिर से लिखित परीक्षा जो एनएचएम द्वारा ली गयी वह पास करनी होगी। 3 साल के सेवाकाल को इसमें नहीं गिना जाएगा और न ही कोई वरिष्ठता दी जाएगी। इससे प्रदेश के सभी सीएचओ अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं और यह तर्कसंगत भी नहीं है।

प्रदेश के विभिन्न केंद्रों में सेवाएं दे रहे सी.एच.ओ
मौजूदा समय में प्रदेश के विभिन्न केन्द्रों पर 693 सी.एच.ओ सेवाएं दे रहे हैं। इन सी.एच.ओ ने लिखित परीक्षा पास करने और एन.एच.एम हिमाचल द्वारा प्रदेश के मेडिकल कालेजों में 6 महीने का ब्रिज कोर्स करने के उपरांत 2019 और 2020 में तैनाती पाई है। इसके साथ ही एचएलएल कम्पनी के साथ 1 लाख की बैंक गारंटी और 3 साल का अनुबंध करार किया है।

कोरोना में दिन रात दी सेवाएं घर घर पहुंचाई दवाई
कोरोना महामारी में दौरान भी दिन-रात एक कर सी.एच.ओ ने बीमारी को हराने में लोगों की मदद की। मीलों दूर कड़ी धूप बारिश में पैदल चलकर कोरोना के सैंपल लेने के साथ टीकाकरण, घर पर दवाइयां पहुंचाना, कैम्प आदि लगाकर प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने में भूमिका निभाई जिसकी बदौलत हिमाचल राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना टीकाकरण में प्रथम स्थान हासिल कर पाया। इसके अलावा कोरोनाकाल में भी जच्चा-बच्चा टीकाकरण, लोगों के बीपी शुगर के टेस्ट करना, आदि कई नेशनल प्रोग्राम निर्बाध रूप से कर रहे हैं। टीबीमुक्त हिमाचल 2023 की दिशा में भी सराहनीय कार्य कर रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने किया आश्वस्त कैबिनेट में ले जाएंगे मामला
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने सामुदायिक स्वास्थय अधिकारियों को आश्वस्त किया उनकी मांगों पर सरकार विचार करेगी। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला कैबिनेट में ले जाया जाएगा। वहीं उन्होंने अधिकारियों की मांग को भी सही ठहराया कि वह लगातार कोरोना काल से सेवांए दे रहे हैं। उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा।

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