102 और 108 कर्मचारियों के लिए स्थाई पॉलिसी बनाई जाए

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शिमला। 102 और 108 कर्मचारियों ने स्थाई पॉलिसी बनाने की मांग की हैं। 108 व 102 एम्बुलेंस की सेवाएं प्रदेश की जनता के लिए निशुल्क हैं लेकिन पिछली जय राम सरकार के समय मे जब जीवीके ईएमआरआई कम्पनी ने बहुत ज्यादा कर्मचारियों का शोषण किया उतना ही जनता को पांच साल में मुसीबतों का सामना करना पड़ा और कर्मचारियों ने हड़ताल करके अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए न्यायलय की मदद से कम्पनी को हटाने में कामयाब हुए।

102 एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष पूर्ण चंद ने कहा कि कंपनी ने कर्मचारियों का अभी तक फूल एंड फाइनल नहीं किया है। जब से ये सेवाएं नई कंपन मेडसवान फौडेशन के द्वारा चलाई जा रही हैं।इस पर किसी भी तरह का नियंत्रण नहीं रखा गया। हालात ये हैं कि आम आदमी को ये सुविधाएँ भली भांति उपलब्ध नहीं हो रही हैं जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रात में बहुत ही कम इमरजेंसी कॉल काल सेंटर में लगती है सर्वर को व्यस्त किया जाता है l

उन्होंने कहा कि पिछली जय राम सरकार के समय मे जब जीवीके ईएमआरआई कम्पनी ने बहुत ज्यादा कर्मचारियों का शोषण किया उतना ही जनता को पांच साल में मुसीबतों का सामना करना पड़ा और कर्मचारियों ने हड़ताल करके अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए न्यायलय की मदद से कम्पनी को हटाने में कामयाब हुए परन्तु कम्पनी ने कर्मचारियों का अभी तक फूल एंड फाइनल नहीं किया है और जब से ये सेवाएं नई कम्पनी मेडसवान फौडेशन के द्वारा चलाई जा रही हैं इस पर किसी भी तरह का नियंत्रण नहीं रखा गया, हालात ये हैं कि आम आदमी को ये सुविधाएँ भली भांति उपलब्ध नहीं हो रही हैं ।उनका कहना था कि

डॉ. क़ी सुविधा नहीं है, एम्बुलेंस की मुरम्मत समय पर नहीं होती, दवाई का अभाव है l कर्मचारी पुरे नहीं हैँ लेकिन फिर भी बिलिंग मेडसवान फाउंडेशन द्वारा पूरी की जाती है जिसकी जांच होनी चाहिए और कोबिड के समय से लेकर एनएचएम से भी परेशानी का सामना करना पड़ा कर्मचारियों का शोषण अधिकारियों के द्वारा ज्यादा किया गया जो कर्मचारी अपने हक के लिए लड़े उनको आज तक नौकरी पर नहीं रखा गया । उनका कहना था कि
सरकार के सहयोग से अब इस कम्पनी को भी अपनी मनमानी नहीं करने देगे जल्दी ही कर्मचारियों के सभी मुद्दों पर चर्चा की जायेगी। और कर्मचारियों विरोधी ताकतों को बाहर निकाला जायेगा।

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