आजादी के अमृत महोत्सव पर गेयटी थिएटर में जश्न.ए.अदब सांस्कृतिक कारवां विरासत शुरु

शिमला,। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत गेयटी थिएटर में दो दिवसीय जश्न.ए.अदब कल्चरल सांस्कृतिक कारवां विरासत का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शु ाारंभ पदम श्री प्रो. अशोक चक्रधर व कुंवर रंजीत चौहान ने किया। उन्होंने दीप प्रज्जवलितकर कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके बाद पहला कार्यक्रम अदब न हो तो पर फरत एहसास व मदन मोहन ने बातचीत की। इसके अलावा कि स्सा गोई विषय पर गुरूनानक की नमाज का, किस्सा बिन हुनकार नहीं किया गया। इसमें मनु सिकन्दर डिंगरा व रेखा मल्होत्रा जोहरी ने भाग लिया। उसके बाद नाटक आयोजित किया गया। इसका शीर्षक मैरिज प्रपोजल था। इसमें डा. संजीव जौहरी, रेखा मल्होत्रा जोहरी और प्रियंका ने भाग लिया। वहीं इस कार्यक्रम में कथक, ग़ज़ल, हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन, कव्वाली, कस्सागोई, नाटक, कवि स मेलन और मुशायरा आदि की गर्माहट से शिमला का ठंडा शीतकालीन सप्ताहांत जीवंत हो गया। इस कार्यक्रम में विधा लाल और समूह द्वारा कथक प्रदर्शन किया गया। विधा लाल एक नर्तकी, कथक प्रतिपादक, कोरियोग्राफ र और शिक्षक हैं। वह भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की पैनलबद्ध कलाकार हैं। वहीं गायक विद्या शाह द्वारा ग़ज़ल और शास्त्रीय गायन प्रस्तुत किया। उन्होंने शुरुआत में कर्नाटक संगीत में प्रशिक्षण लिया। बाद में विद्या शाह ने शुभा मुद्गल से याल में मार्गदर्शन प्राप्त किया और शांति हीरानंद से ठुमरी, दर्दा और गजल गायकी सीखी। सांस्कृतिक कारवां विरासत 2022 के बारे में बात करते हुए उर्दू शायर और जश्न.ए.अदाब फाउंडेशन के संस्थापक कुंवर रंजीत चौहान ने कहा कि हमारी विरासत में निहित आज भी और भविष्य के लिए भी मजबूत प्रासंगिकता के साथ, हिंदुस्तानी कला, संस्कृति और साहित्य आंतरिक रूप से सदाबहार है। यह सभी के लिए कुछ न कुछ प्रदान करता है। कबीर, अमीर खुसरो, ग़ालिब और मीरा बाई की रचनाएँ उतनी ही ताज़ा और प्रासंगिक हैं जितनी तब थीं जब वे लिखी गई थीं। हिंदुस्तानी कला, संस्कृति और साहित्य आज के व्यस्त जीवन में चिकित्सीय हैं। हम विशेष रूप से देखते हैं कि बड़ी सं या में युवा हिंदुस्तानी कला, संस्कृति और साहित्य को समझने, उसकी सराहना करने और उसका आनंद लेने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। वे हमारी सांस्कृतिक विरासत से जुड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जश्न.ए.अदब सांस्कृतिक कारवां विरासत 2022 अपनी प्रभावशाली विविधता और जीवंतता दिखाने के लिए हिंदुस्तानी सांस्कृतिक विरासत की विभिन्न शैलियों को एक मंच पर लाता है। आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए जश्न.ए.अदब कल्चरल कारवां का आयोजन 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गोवा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और श्रीनगर में किया जा रहा है।
अभिनेता दिव्या दत्ता व कवि कुंवर रंजीत चौहान की बातचीत
एक रोमांचक सत्र में अभिनेता दिव्या दत्ता ने प्रसिद्ध भारतीय कवि कुंवर रंजीत चौहान के साथ एक आकर्षक बातचीत हुई। इस बातचीत में दिव्या दत्ता की दो पुस्तकों के बारे में चर्चा हुई। दिव्या दत्ता की पहली किताब मी एण्ड मां, दूसरी किताब द स्टार इन माई स्काय लि ाी है। पहली किताब अपनी मां के बारे में लि ाी। इसमें उन्होंने कहा कि इसमे मां के बारे में बचपन से लेकर बुढ़ापे तक के बारे में लिखा है। वहीं दूसरी किताब वालीवुड स्टार के बारे में लिखी। इसमें जो पल उन्होंने बालीवुड के स्टार के साथ बिताए व उनसे जो सीखने को मिला इसके बारे में लिखा। इसके अलावा थिएटर में भी उन्होंने काम किया। इस थिएटर की वजह से आज इस मुकाम तक पहुंची। उन्होंने कहा कि अपने 40 साल के बाद कैसे एक्टर को लेयर वाले किरदार निभाने का मौका मिलता है।
कवि स मेलन और मुशायरा
भारत भर से अंतरराष्ट्रीय याति प्राप्त भारतीय कवि मंच पर अपनी रचनाएं सुनाएंगे . पद्म श्री प्रो अशोक चक्रधर, इरशाद कामिल गीतकार कवि, फ रहत एहसास उर्दू कवि, मदन मोहन दानिश कवि, फहमी बदायुनी, जमुना प्रसाद उपाध्याय, खुशबीर सिंह शाद कवि, कुंवर रणजीत चौहान कवि, आजम शकीरी कवि और जावेद मुशिरी कवि अपनी कविताए व गजले पढ़ी। मास्टर अधिराज ने सितार वादन प्रस्तुत किया।

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