फिर सक्रिय हूआ स्क्रब टायफस , कैसे करे बचाव ,क्या कहते है विशेषज्ञ सुने 

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शिमला। मौसम के बदलते ही एक बार फिर से स्क्रब टायफस सक्रिय हो गया है। IGMC अस्पताल में हर रोज स्क्रब टायफस के 2 से 3 मरीज पहुंच रहे हैं। खासकर जिला शिमला से स्क्रब टायफस के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। ऐसे में IGMC प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है।
IGMC के CMO डॉ. सुमेश शर्मा का कहना है कि स्क्रब टाइफस को लोग हल्के में न लें। अगर लापरवाही बरती तो आपकी जान पर ये भारी पड़ सकता है। अगर इसके लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टरों द्वारा कोरोना के साथ-साथ अब स्क्रब टाइफस के टेस्ट भी किए जा रहे हैं।
उनका कहना है कि लोग घरों के आसपास साफ सफाई रखें और घास के बीच न जाएं, क्योंकि घास में पनपने वाले पिस्सू कभी भी काट सकता है, इससे तेज बुखार आ सकता है।
ऐसे कर सकते हैं स्क्रब टायफस की पहचान
 बरसात के मौसम में घास में पनपने वाले पिस्सू के काटने से यह रोग फैलता है। इस कारण मरीज को सिरदर्द, बुखार के साथ जोड़ों में दर्द, शरीर में दर्द, कंपकंपी और शरीर पर लाल दाने, शरीर का थका होना जैसी समस्या होती है। ऐसे लक्षण होने पर मरीज को तुरंत डॉक्टरों के पास इलाज करवाने जाना चाहिए।
ऐसे रखे अपने आप को सुरक्षित
बरसात के दिनों में घर के आसपास घास और झाड़ियां न उगने दें। घर के इर्द-गिर्द साफ सफ़ाई का ध्यान रखें। इसके अलावा खेतों में काम करने के दौरान पैरों और बाजुओं को अच्छे से ढककर रखना चाहिए। पार्क में टहलते हुए या पेड़ पौधों के बीच जाने से पहले पूरी बाजू के कपड़े पहनें। दो दिन से अधिक बुखार हो तो तुरंत उपचार करवाना चाहिए। रक्त की जांच भी करवानी चाहिए।

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