शिमला. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने देश व प्रदेश में डेमोग्राफिक चेंज पर चिंता जताई है. सीएम ने कहा कि हिमाचल के दूरदराज के क्षेत्रों में स्थिति चिंताजनक है. इसे लेकर आंख नहीं मूंद सकते. सीएम ने कहा कि हम सभी को आने वाले समय के बारे में विचार करना चाहिए. जयराम ठाकुर ने कहा कि ऊपरी शिमला के रोहड़ू, रामपुर, आनी, बंजार आदि इलाकों में जो हालात बन रहे हैं. उस से सतर्क होने की जरूरत है. परोक्ष रूप से संकेत करते हुए कहा कि हमें यह देखना होगा कि प्रति शुक्रवार व रविवार को लोग कहां जा रहे हैं. सीएम ने कहा कि जब देश आजाद हुआ था तो मुसलमान जनसंख्या कितनी थी और आज कितनी है. इसे देखना चाहिए सीएम ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने 2006 में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ बिल लाया था. मौजूदा सरकार ने वर्ष 2019 में इसमें संशोधन किया फिर आप इसके प्रावधानों को और कड़ा किया गया है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि उनके पास धर्मांतरण को लेकर जो आंकड़े आ रहे हैं वह चिंताजनक हैं. उन्होंने कहा कि गरीब व पिछड़े वर्ग के लोगों को लालच देकर धर्मांतरण किया जा रहा है. धर्म परिवर्तन के बाद भी लोगों के नाम नहीं बदले जा रहे वह हिंदू धर्म में मिलने वाले लाभ भी दे रहे हैं.
दरअसल हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन सदन में जबरन धर्मांतरण से जुड़े बिल को लाया गया था। इस बिल को सीएम जयराम ठाकुर ने पेश किया था। विपक्ष इसे सिलेक्ट कमेटी को भेजना चाहता था। चर्चा के दौरान बिल पर खूब गहमागहमी हुई, विपक्ष के सदस्य सुखविंद्र सिंह व राकेश सिंघा ने बिल के एक प्रावधान पर आपत्ति जताई. बिल को जब सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की गयी तो इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने विपक्ष की आपत्तियों पर जवाब दिया. सीएम ने भी अपने जवाब में कहा कि इस कानून को और सख्त करने की जरूरत महसूस हुई है. हिमाचल में अब जबरन धर्मांतरण पर दस साल की सजा होगी। इसके अलावा अन्य प्रावधान भी हैं
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