शिमला। हिमाचल प्रदेश वन विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ वन मंत्री से इस मामले की शिकायत करेंगे। ये मामला वन विभाग के राज्य स्तरीय अवार्ड वितरण से जुड़ा है जो कि बीते 2 अगस्त को जिला चंबा में दिए गए थे। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के मिनिस्ट्रीयल स्टाफ ने आरोप लगाया है कि डिपार्टमेंट ने अपने चहेतों को अवार्ड दिए, जिन्होंने असली में काम किया उन्हें इस बारे में बताया तक नहीं गया। कोरोना काल के दो साल के बाद अवार्ड को अब एक साथ दिया गया, जिसमें ऐसे लोग शामिल थे जो अवार्ड के हकदार नहीं थे। मिनिस्ट्रीयल स्टाफ ने आरोप कि अवार्ड को लेकर धांधली हुई। मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश बादल का कहना है कि स्टेट लेवल के इस अवार्ड सेरेमनी की जानकारी बकायदा प्रेस कान्फ्रेंस कर दी जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया। एसोसिएशन ने जब डिपार्टमेंट से इस बाबत पूछा तो बताया कि यह अवार्ड पौधारोपण करने के लिए दिए गए।
जिन लोगों ने जान जोखिम में डालकर फॉरेस्ट बचाया, उन्हें इनाम ही नहीं दिए
मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन का आरोप है कि जिन लोगों ने फॉरेस्ट को बचाने के लिए अपनी जान तक दे दी , जो घायल हुए उन्हें इस अवार्ड सुची में शामिल नहीं किया गया। यह अवार्ड सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए दिया जाता है, लेकिन जो अपनी जान को जोखिम में डालकर पौधे और फॉरेस्ट की रक्षा कर रहे हैं, उनके नाम लिस्ट से गायब है। ऐसे में इस मामले में चुप नहीं रहा जाएगा और वन मंत्री से इसकी शिकायत की जाएगी।
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