राजकीय महाविद्यालय चौड़ा मैदान,भूख हड़ताल पर प्रोफेसर, पढ़े किस लिए कर रहे हड़ताल

शिमला।राजकीय महाविद्यालय चौड़ा मैदान, शिमला की एच. जी. सी. टी. ए. इकाई द्वारा यू. जी. सी. के सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने तथा अन्य मांगों को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के तेरवे दिन आज सामूहिक भूख हड़ताल की गई। एच जी सी टी ए के स्थानीय इकाई के अध्यक्ष डॉ दिलीप शर्मा तथा सचिव डॉ सुनील चौहान ने कहा कि जब देश के 28 राज्यों में यू जी सी वेतमान लागू किए जा चुके हैं तो हिमाचल प्रदेश, जो शिक्षा में अग्रणी राज्य है, में शिक्षकों के वेतनमानों को अकारण रोकना चिंताजनक और शोचनीय है। महाविद्यालय शिक्षक मुख्यमंत्री सहित शिक्षा मंत्री व प्रशासकीय अधिकारियों से इस बावत अनेक बार अपनी मांग सविनय सांझा कर चुका है। लेकिन कोई प्रगति दृष्टिगोचर नहीं है। महाविद्यालय प्राध्यापक पिछले दस वर्षों से अपने यू जी सी प्रदत्त अधिकारों को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे हैं। वर्तमान समय में प्रदेश में लगभग 90 महाविद्यालय बिना प्राचार्य के कार्य कर रहे हैं। चार वर्षों से पात्र प्राध्यापकों की प्रमोशन लम्बित है, बिना प्रमोशन के सेवानिवृत्त हो रहे हैं। महाविद्यालय के प्रशासकीय व विकासात्मक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। 2014 से अकारण व एकाएक प्राध्यापकों की पी. एच. डी. व एम.फिल. उच्च शिक्षा की विशेष वेतनवृद्धियाँ रोक दी गयी जिन्हें बहाल करने की मांग को अनसुना किया जा रहा है। 2009 से भेदभाव तरीके से व अस्पष्ट भर्ती नीति से संविदा भर्तियाँ की गई। भर्ती नियमों को सरकार बदलती रहीं। प्रारंभ में संविदा के बाद नियमितीकरण की अवधि 8 वर्ष, फिर 5 वर्ष और अब 2 वर्ष की गयी है। इस तरह से भेदभावपूर्ण संविदा शर्तों को थोपा गया तथा संविदा काल को सेवा में जोड़ा भी नहीं गया। इन सभी मांगों को लेकर सभी प्राध्यापकों ने आज महाविद्यालय में भूख हड़ताल कर सत्याग्रह किया।

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