शिमला: माकपा ने डाॅक्टर्स डे पर सभी डॉक्टरों को बधाई दी। इस अवसर पर माकपा के रेड वाॅलंटियर्स ने अाईजीएमसी डाॅक्टराें काे फूल भेंट कर सम्मानित किया अाैर मरीजाें की दिनरात सेवा करने के लिए उनका अाभार जताया। इस दिवस पर माकपा ने कोविड के समय में मरीजों की जान बचाते हुए शहीद हुए डॉक्टरों के प्रति भी श्रद्धांजलि अर्पित की। आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष 9 महीनों में 748 डॉक्टरों ने जान गंवाई थी और इस साल मात्र 9 हफ्तों में ही 776 डॉक्टर शहीद हो चुके हैं।माकपा ने केंद्र और राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि कोविड ड्यूटी के दौरान कोविड संक्रमित होकर शहीद हुए डॉक्टरों के परिवार को न केवल उचित मुआवजा मिलना चाहिए बल्कि उनके परिवार की देखभाल का जिम्मा लेने के लिए भी कोई तरीका विकसित करना चाहिए।
माकपा राज्य सचिवमंडल सदस्य डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने डॉक्टरों के योगदान को याद करते हुए कहा कि केवल दिवस मनाने की औपचारिकता भर से डॉक्टरों के प्रति सम्मान या सरोकार दर्शाना पर्याप्त नहीं होगा। सरकार को उनके काम का बोझ कम करने के लिए डॉक्टरों के खाली पद भरने चाहिए। उनके साथ सहयोग देने वाले पैरा मेडिकल स्टाफ और अन्य स्टाफ की भर्ती करनी चाहिए।
डॉ. तंवर ने कहा कि एक तरफ चिकित्सक दिवस मनाया जा रहा है तो दूसरी तरफ अपनी समस्याओं के लिए डॉक्टर हड़ताल करने पर विवश हैं। ऐसे में राष्ट्रीय स्तर पर डॉक्टरों के लिए एक दिन मनाना औपचारिकता नहीं तो और क्या है। इस समय जरूरत है कि कोविड संक्रमण से सुरक्षा के लिए डॉक्टरों और अन्य स्टाॅफ को जिन वस्तुओं और उपकरणों की जरूरत है वे पर्याप्त मात्रा और अच्छी गुणवत्ता के हों।
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