शिमला।छात्र संगठन DYFI और SFI ने बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर विधानसभा का घेराव किया है। इस दौरान पुलिस के साथ भी कार्यकर्ताओं की हल्की धक्का-मुक्की हुई है।
छात्र संगठनों का कहना है कि प्रदेश में बेरोजगारी दर इतनी बढ़ गई है कि MA डिग्री पास स्टूडेंट चपरासी के पद के लिए आवेदन कर रहे है। एसएफआई व डीवाईएफआई के पदाधिकारियों का कहना है कि रोजगार केवल आर्थिक मसला नहीं है, बल्कि यह देश के विकास का भी मसला है। शिक्षा व रोजगार किसी भी देश व प्रदेश की तरक्की के सूचक है, लेकिन हाल ही में NIRF द्वारा जारी श्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों की सूची में प्रदेश के एक भी संस्थान का जिक्र न होना हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। एसएफआई के प्रदेश अध्यक्ष अमित ठाकुर ने कहा कि बेरोजगारी और शिक्षा नीति को लेकर विधानसभा का घेराव कर रहे हैं। । हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी बढऩे से युवा गलत दिशा की ओर जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी की वजह से ही प्रदेश में नशा माफिया सक्रिय हो गया है। नशे के कारोबार को बढ़ावा मिल रहा है। देश की तरक्की सिर्फ कर्ज लेकर नहीं हो सकती। सरकार से मांग है कि युवाओं को स्थायी रोजगार दिया जाए। कालेज कैडर में नियमों को दरकिनार कर भर्तियां कराई जा रही हैं।
इंटरव्यू को दिया जा रहा है ज्यादा महत्व
डीवाईएफआईआरए सफाई का कहना है कि हिमाचल एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां ज्यादा वेल्यू इंटरव्यू को दी जाती है न की लिखित परीक्षा को। सरकार अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा कर रही है। सरकार को छात्रों व नौजवानों के पक्ष में नीतियां बनाने के लिए मजबूर करने के लिए अब युवाओं को आगे आने की जरूरत है। ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार को आईना दिखाया जा सके।
More Stories
विधानसभा शीतकालीन सत्र के पहले दिन पक्ष-विपक्ष में तीखी बहस, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सदन के बाहर मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष आमने-सामने
शिमला में बीडीओ दफ्तर के बाहर स्टोर में लगी आग 20 साल पुराना रिकॉर्ड जलकर राख किसी प्रकार का जानी नुकसान नहीं
सहायक निदेशक डॉ. राकेश सोनी को मिला फोरेंसिक उत्कृष्टता पुरस्कार