October 18, 2024

चिकित्सको का सरकार को 25 फरवरी तक का अल्टीमेटम ,मांगे न मानी जाने पर 26 को मास केसुअल लीव पर रहेंगे सभी  डॉक्टर

शिमला।
प्रदेश में चल रहे चिकित्सकों की हड़ताल हम नहीं मिल है
सरकार से उन्हें बातचीत के लिए बुलावा ना आने का चिकित्सकों ने सरकार को 25 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया है कि सरकार 25 तक उन्हें बातचीत नहीं बुलाती है जॉन की मांग नहीं मानती है तो 26 फरवरी से सभी डॉक्टर 1 दिन के मास केसुअल लीव पर रहेंगे इस दौरान डिस्पेंसरी से लेकर मेडिकल कॉलेज के सभी डॉक्टर लीव पर रहेंगे और 28 तारीख को पूरे दिन की हड़ताल पर रहेंगे जानकारी देते हुए जिला शिमला मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर दीपक कैंथला ने बताया कि सरकार उनकी मांग नही मान रही है इस लिए मजबूरन उन्हे यह कदम उठाना पड़ रह है
इमरजेंसी सेवाएं नहीं हाेंगी प्रभावित
पडॉ दीपक ने  बताया कि पेन डाउन स्ट्राइक सुबह दो घंटे की लिए की जा रही है और पूरा दिन लोगों को सेवाएं प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि पेन डाउन स्ट्राइक के दौरान सभी चिकित्सकों ने आपातकालीन सेवाएं जारी रखीं अाैर आगे भी यह सेवाएं जारी रहेंगी। उन्हाेंने कहा कि डाॅक्टर अन्य मरीजाें काे भी परेशान नहीं करना चाहते अाैर रेगुलर सेवाएं देना चाहते हैं। उन्होंने एक बार फिर सरकार से चिकित्सकों के मसले को गंभीरता पूर्वक लेने की भी सरकार से गुजारिश की।

इसलिए कर रहे हड़ताल
प्रदेश में चिकित्सक पे-स्केल पर सीलिंग लिमिट 2,37,600 से घटाकर 2,18,600 करने से डॉक्टर नाराज है। डॉक्टरों का कहना है कि सीलिंग लिमिट घटने से डॉक्टरों को करीब 19 हजार रुपए का नुकसान हाे रहा है। उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि पंजाब की तर्ज पर डॉक्टर के लिए हिमाचल में भी सीलिंग लिमिट 2,37,600 ही होनी चाहिए। हालांकि डॉक्टरों की मांगों पर 18 फरवरी को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ बैठक निर्धारित हुई थी, लेकिन मुख्यमंत्री अचानक तबीयत बिगड़ने से डॉक्टरों की मांगो पर फैसला नहीं हो पाया था। ऐसे में डॉक्टरों को अब दोबारा से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ बैठक होने का इंतजार है। इसके अतिरिक्त चिकित्सक पे स्केल पर सीलिंग लीमिट बढ़ाने के अलावा डॉक्टर नॉन प्रेक्टिव एलाउंस को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।  सरकार ने एनपीए जो पहले 25 फीसदी था, अब उसे घटाकर 20 फीसदी कर दिया है। इसके अलावा मेडिकल ऑफि सर को 4-9-14 का लाभ नहीं मिल रहा है। जिसे लेकर चिकित्सक सरकार से नाराज चल रहे हैं।

About Author