शिमला सतलुज नदी में मच्छली पकड़ने गया शिकारी खुद ही शिकार हो गया। घटना बीते मंगलवार की है। शिकारी पानी के बीच विस्फोट करके मच्छलियों को पकड़ने की फिराक में था। समय पर वह विस्फोटक पदार्थ पानी के बीच नहीं फैंक पाया। उसके हाथ में विस्फोट हो गया और वह बूरी तरह झुलस गया। घायल स्थिति में उसे सुन्नी के सिविल अस्पताल सुन्नी लाया गया। उसके हाथ, टांगे, छाती, मुंह बूरी तरह झुलस गए थे। बुधवार दोपहर बाद इसकी अस्पताल में दम तोड़ दिया। हादसे में घायल दूसरे व्यक्ति की हालत गंभीर है। इसका ईलाज सुन्नी अस्पताल में चल रहा था। डॉक्टरों ने इसे आईजीएमसी अस्पताल रैफर कर दिया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सतलुज नदी में एक साथ पांच विस्फोट हुए। विस्फोट की आवास सुनकर आसपास के लोग वहां पर इक्ट्ठा हो गए।
पुलिस ने आईपीसी की धारा 336, 304 और 286 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दिए ब्यान में महेंद्र लाल पुत्र पदमा राम निवासी गांव व डाकघर खैरा तहसील सुन्नी ने बताया कि वह होटल में काम कर रहा था। इस दौरान सतलुज नदी में चार सं पांच धमाकें हुए। स्थानीय लोगों के साथ वह धमाकों की आवाज सुनकर सतलुज नदी के किनारे पहुंचे। यहां पर देखा तो हरिराम (21), पुत्र धन बहादुर निवासी छारी भाजनी नेपाल और सहानू चौधरी (25) पुत्र भागू राम चौधरी मुक्तिपुर नेपाल मौजूद थे। इन लोगों ने मच्छली को पकड़ने के लिए यह धमाके किए थे। हरिराम समय पर विस्फोटक पदार्थ नदी में नहीं फैंक पाया। विस्फोटक हाथ में ही फटने से हरिराम के मुंह, टांग, हाथ, छाती में चोटें आई है। वह स्थानीय लोगों की मदद से घायल अवस्था में उन्हें उपचार के लिए अस्पताल लाए थे। घटना में शानू चौधरी गंभीर रूप से घायल हुआ था। इसे उपचार के लिए आईजीएमसी अस्पताल रैफर कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार विस्फोटक सामग्री के गलत इस्तेमाल और लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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