November 21, 2024

संयुक्त् किसान मंच की शिमला में बैठक इन मुद्दों पर सरकार को घेरा

 

 

शिमला:सेब समेत अन्य फसलाें के समर्थन मूल्य अाैर भाजपा की किसान विराेधी नीतियाें काे संयुक्त् किसान मंच लाेगाें के बीच लेकर जाएगा। यह निर्णय संयुक्त किसान मंच की कार्यकारिणी की शिमला में हुई बैठक में लिया गया। बैठक संयोजक हरीश चौहान की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में संजय चौहान, दीपक सिंघा, सुंदर नैनटा, डॉ कुलदीप सिंह तंवर, सुशील, डॉ राजिंदर चौहान, सत्यवान, राम लाल, सुखदेव, त्रिलोक मेहता, कपिल, जिया नन्द आदि सदस्यों ने भाग लिया। इस बैठक में आगामी समय में मंच किसानों के मुद्दों को लेकर किस प्रकार से भविष्य मे कार्य करेगी इस पर चर्चा की गई। मंच ने अाराेप लगाया कि उन्हाेंने 24 अगस्त को सरकार को मांगपत्र भेजा था और 13 सिंतबर को 13 मांगो को लेकर एक ज्ञापन ब्लॉक, तहसील, उपमंडल व जिला स्तर से सरकार को भेजा गया था परन्तु सरकार ने आज तक न तो मंच को बातचीत के लिए बुलाया।

यह लिया निर्णय
बैठक में एकमत से निर्णय लिया गया कि सरकार के इस किसान विरोधी रवैय के विरुद्ध भविष्य में आंदोलन तेज किया जाएगा और निर्णय लिया गया कि प्रदेश में हो रहे उपचुनाव सरकार से जवाब मांगा जाएगा कि क्यों सरकार द्वारा किसानों की मांगों पर आज तक गौर नहीं किया गया है। मंच पूरे प्रदेश में किसानों की मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में पोस्टर व किसानों की बैठकों के माध्यम से सरकार के इस किसान विरोधी रवय्ये के लिए विरोध स्वरूप जवाबदेही की मांग करेगी।
बैठक में निर्णय लिया गया कि भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच हिमाचल प्रदेश द्वारा भूमि अधिग्रहण, 2013 कानून(पुनर्स्थापना, पुनर्वास व चार गुणा मुआवजा) को लागू करने की मांग को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन का संयुक्त किसान मंच समर्थन करता है अाैर 22 अक्टूबर को मंडी में होने वाले प्रदर्शन में भी भाग लेगा। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि मंच प्रदेश के किसानों से सरकार की इन किसान विरोधी नीतियों के विरुद्ध संघर्ष तेज़ करने की अपील करेगा और किसानों की मांगों को लेकर संघर्ष तेज करेगा।

यह मांग पत्र है मंच का
-सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर इसे कानूनी रूप से लागू किया जाए। धान, गेहूं, मक्की व अन्य फसलों की खरीद के लिए मंडिया स्थापित कर न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत खरीद करे।
-हिमाचल प्रदेश में भी कश्मीर की तर्ज पर मंडी मध्यस्थता योजना पूर्ण रूप से लागू की जाए।
-प्रदेश की विपणन मंडियाें में एपीएमसी कानून को सख्ती से लागू किया जाए।
-किसानों के आढ़तियों व खरीददारो के पास बकाया पैसों का भुगतान तुरन्त करवाया जाए।
-अदानी व अन्य कंपनियों के सीए स्टोर में इसके निर्माण के समय शर्तों के अनुसार बागवानो को 25 प्रतिशत सेब रखने के प्रावधान किया जाए।
-किसान सहकारी समितियों को स्थानीय स्तर पर सीएम स्टोर बनाने के लिए सरकार द्वारा 90 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाए।
-सेब व अन्य फलों, फूलों व सब्जियों की पैकेजिंग में इस्तेमाल किए जा रहे कार्टन व ट्रे की कीमतों में की गई भारी वृद्धि वापिस की जाए।
-प्राकृतिक आपदाओं से किसानों व बागवानों को हुए नुकसान का सरकार मुआवजा प्रदान राहत प्रदान करे।
-बढ़ती महंगाई पर रोक लगाई जाए अाैर मालभाड़े में की गई वृद्धि वापिस ली जाए।
-प्रदेश की सभी मंडियों में सेब व अन्य सभी बफसले वजन के हिसाब से बेची जाए।
-एचपीएमसी अाैर हिमफैड द्वारा गत वर्षों में लिए गए सेब का भुगतान तुरन्त किया जाए।
-खाद, बीज, कीटनाशक, फफूंदीनाशक व अन्य लागत वस्तुओं पर दी जा रही सब्सिडी को पुनः बहाल किया जाए।

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