कोरोना काल मे संकटमोचन साबित हुआ आईजीएमसी का ब्लड बैंक ,बचाई दर्जनों मरीजो की जान

शिमला।आई.जी.एम.सी. का ब्लड  बैंक मरीजों के लिए वरदन साबित हुआ है। यहां पर रक्त के माध्यम से सैंकड़ों मरीजों की जिंदगी बचाई गई है। यहां पर जहां शिमला जिला में जगह-जगह पर रक्तदान शिविर लगाए गए है, वहीं आई.जी.एम.सी. के ब्लड बैंक में भी लोगों द्वारा स्वयं आकर रक्तदान किया है। इसके लिए आई.जी.एम.सी. ब्लड  बैंक के डॉक्टरों व कर्मचारियों ने अहम भूमिका निभाई है। अगर हम दो महीने का आंकड़ा देखते है तो आई.जी.एम.सी. के इंडोर में यानी ब्लड  बैंक में ही 1 हजार युनिट रक्त एकत्रित हुआ है। जो कि एक बहुत बड़ी बात है। इसके आलवा जिला में जगह पर कैंप लगाए गए है। आई.जी.एम.सी. में प्रदेश से सैंकड़ों मरीज अपना उपचार करवाने आते है। ऐसे में यहां पर रक्त की भी ज्यादा खपत होती है। यहां पर रोजाना 60 से 70 युनिट रक्त की खपत है। इसके अलावा 20 से 30 युनिट रक्त कैंसर व थेलसेमिया के मरीजों पर खपत हो रही है। सबसे ज्यादा रक्त कैंसर व थेलसेमिया के मरीजों के लिए ही लगता है। आई.जी.एम.सी. में सबसे ज्यादा दिक्कतें रक्त की उन मरीजों को होती है जो की प्रदेश के दूर दराज क्षेत्र से आते है। यह मरीज ना तो अपने साथ किसी डोनर को ला पाते है और ना ही इनकी कोई किसी से शिमला में पहचान होती है जो कि उन्हें रक्त भी दे पाए। उनके पास सिर्फ एकमात्र ब्लड बैंक का ही सहारा होता है। आई.जी.एम.सी. के ब्लड  बैंक ने अभी तक ऐसे मरीजों को बलड की कमी भी नहीं आने दी है। लॉकउाऊन के दौरान बलड बैंक में रक्त की थोड़ी कमी आ गई थी, क्योंकि रक्तदान शिविर कम लगे थे। लेकिन फिर भी डॉक्टरों व कर्मचारियों ने लोगों को ज्यादा कमी नहीं आने दी। जिस भी मरीजों को ब्लड  की जरूरत पड़ी उसे फिर भी ब्लड  मिला है। ब्लड बैंक का दावा है कि आगामी दिनों में भी आई.जी.एम.सी. में रक्त की कमी नहीं आने दी जाएगी। मरीजों को बलड की कमी ना आए इसके लिए बलड बैंक पहले से ही अर्लट है।
दो महीने में लगाए गए 13 जगह कैंप
दो महीने के अंदर जगह जगह पर आई.जी.एम.सी. के ब्लड  बैंक  के साथ संस्थाओं, संगठन व युनियन ने 13 रक्तदान शिविर लगाए है। इनमें 4 जुलाई को उमंग फाउंडेशन के रक्तदान शिविर में 42 युनिट, 9 जुलाई को ए.बी.वी.पी. के रक्त शिविर करसोग में 43 युनिट, 11 जुलाई को ठियोग में 111 युनिट, 19 जुलाई को ठियोग में 84 युनिट, 25 जुलाई को ठियोग क्षेत्र में 32 युनिट, 7 अगसत को रोटरी कल्ब में 200 युनिट, 13 अगस्त को जलोग में 76 युनिट, 15 अगस्त को शतलाई में 102 युनिट, 15 अगस्त को मल्याणा में 50 युनिट रक्त, 18 अगस्त को टैक्सी युनियन के शिविर में 69 युनिट, 19 अगस्त को 21 युनिट, 20 अगस्त को एन.एस.यू.आई. के रक्तदान श्ििवर में 26 युनिट और 29 अगस्त को एक और शिविर में 26 युुनिट रक्त एकत्रित हुआ है।
मरीजों को नहीं आने दी जा रही रक्त की कमी
इस संबंध में आईजीएमसी ब्लड बैंक में सहायक प्रोफेसर डॉ शिवानी सूद ने बताया कि  हमारे पास आई.जी.एम.सी. में इन दिनों रक्त की कोई कमी नहीं है। वैसे कई बार मरीजों की संखया ज्यादा बढऩे पर कमी भी आती है, लेकिन मरीजों को ज्यादा दिक्कतें नहीं आने दी जाती है। हमारे ब्लड बैंक में एक महीने के अंदर 500 के करीब रक्त एकत्रित हो जाता है। यहां पर समय समय पर रक्तदान शिविर लगाए जाते है। आगामी दिनों में भी रक्त की कोई कर्मी नहीं आने दी जाएगी। ब्लड  बैंक को संस्थाओं, संगठनों व अन्य युनियनों आदि का सहयोग मिल रहा है। हमारी यह कोशिश रहती है कि कभी भी मरीजों के रक्त की कमी ना आए।

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