November 24, 2024

साइबर पुलिस ने किया अलर्ट किसी भी  लिंक पर न दें निजी जानकारियां, हो सकती है ठगी

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शिमला।कोरोना काल में साइबर फ्रॉड  के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। महामारी के कारण ज्यादातर लोग घर से काम कर रहे हैं तो वहीं बच्चों की पढाई भी ऑनलाइन चल रही है। इसी वजह से जालसाज गलत जानकारी देकर लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। एक ताज़ा मामला सामने आया है जिसमें जालसाज एसएमएस  व वॉट्सऐप  पर एक मैसेज वायरल कर रहे हैं। इस मेसेज में दावा किया जा रहा है कि सरकार ऑनलाइन पढ़ाई के लिए छात्रों को फ्री में लैपटॉप, टेबलेट और स्मार्टफोन दे रही है।
साइबर पुलिस ने लोगों को आगाह किया है कि ऐसे किसी फ़र्ज़ी लिंक या वेबसाइट पर निजी जानकारी सांझा न करें। इस मैसेज के साथ एक लिंक भी दिया जाता  है। जिसमें  सुविधा का लाभ उठाने के लिए आवेदन करने वाले को अपनी निजी डिटेल भरने के लिए कहा जा रहा है। ऐसे में यदि आप इस लिंक पर अपनी निजी डिटेल भरते हैं तो आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो सकते है।
वॉट्सऐप पर वायरल हुए इस मैसेज में साइबर ठग लोगों से मैसेज को शेयर करने की अपील भी कर रहे हैैं, जिसमें साइबर ठगों की ओर से कहा गया है कि ‘इस मैसेज को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें. ताकि जिन लोगों को लैपटॉप की आवश्यकता हो, वे इसे प्राप्त कर सकें और हमारे देश की साक्षरता दर में सुधार किया जा सके
राज्य साइबर थाना साइबर पुलिस ने लोगों से अपील की है कि इस तरह के फर्जी वायरल मैसेज पर विश्वास न करें। इसके साथ ही अपनी निजी जानकारी मैसेज में दिए गए लिंक पर साझा न करें।
साइबर पुलिस की आम लोगों को सलाह
साइबर पुलिस के मुताबिक उपरोक्त सन्देश व अन्य लिंक द्वारा भेजे गए मिलिसीएस लिंक से आप अपनी सुरक्षा कर सकते हैं। इसके लिए जरुरी है कि ईमेल, सोशल मीडिया या एसएमएस के जरिए प्राप्त संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें। भले ही किसी विश्वसनीय व्यक्ति से भेजा गया हो। साथ में हमेशा अपने ब्राउज़र में लिंक टाइप करके ही खोजें।
आईजी सीआईडी क्राइम अतुल फुलजले का कहना है कि लोगों को भेजा जा रहा उपरोक्त मेसेज व लिंक्स केवल साइबर अपराधियों द्वारा ठगी के उदेश्य से भेजना पाया गया है। ऐसे में इन मेसेज पर भरोसा न करें और न ही इनके लिंक खोलें। ऐसा करने से आप ठगी के शिकार हो सकते हैं।
उधर एडिशनल एसपी साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर ने लोगों से कहा है कि वे किसी भी प्रकार के साइबर अपराध की सूचना तुरन्त नजदीकी पुलिस थाना व राज्य साइबर अपराध थाना शिमला में दें ताकि समय रहते कारवाई की जा सके।

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