शिमला:आईजीएमसी की देहदान समिति को शनिवार को टुटू के अमर प्रकाश की मृत्यु होने पर उनके शरीर का परिवारजनों द्वारा देहदान किया गया। गौर रहे कि अमर प्रकाश 91 वर्ष के हो चुके थे और यह रेलवे विभाग से सेवानिवृत थे। पार्थिव शरीर उनके पुत्र अश्विनी कुमार और परिवार के सदस्यों द्वारा आईजीएमसी एनाटॉमी विभाग में लाया गया। जानकारी अनुसार इनकी मृत्यु शनिवार सुबह 3.45 पर हुई। अमर प्रकाश का पंजीकरण देह दान समिति के तहत एनाटॉमी विभाग, आईजीएमसी में 7 अगस्त, 2018 को किया गया था। वहीं देह दान समिति के तहत यह सातवां पार्थव शरीर है। देहदान समिति को पहला दान सिरमौर के बलदेव वर्मा द्वारा किया गया था, जबकि दूसरा कुम्मारहट्टी सोलन के जिया लाल का था। गौर रहे कि आईजीएमसी शिमला की देह दान समिति में काफी संख्या में लोग अपना पंजीकरण करवा रहे हैं। जानकारी अनुसार अब तक 398 से ज्यादा स्वयंसेवकों ने अपने शरीर दान का संकल्प लिया है। गौर रहे कि यह समिति हिमाचल प्रदेश सोसायटी से काफी सालों से रजिस्टर है।
एनाटॉमी विभाग ने लोगों से इसमें पंजीकरण करवाने के लिए आगे आने की अपील की है। इसके साथ ही देह दान के प्रति जागरूकता फैलने को कहा, जिससे कि किसी अन्य का जीवन बचाया जा सके। एनाटॉमी विभाग के चिकित्सकों का कहना है कि देह दान करना एक बहुत नेक काम है। वहीं मानव शरीर दान करने से चिकित्सा अनुसंधान में एक बहुत बड़ा लक्ष्य प्राप्त होता है।
सरकार पार्थव शरीर पहुंचाने के लिए देती है 5 हजार की मदद
देह दान करने वालों के परिवारजनों को पार्थव शरीर को मृत्यु स्थल से संस्था तक पहुंचाने के लिए 5 हजार रुपये प्रदान करती है। गौर रहे कि जो भी व्यक्ति देह दान करता है, उसकी मृत्यु हो जाने पर पार्थव शरीर को 24 घंटे के भीतर विभाग में लाया जाए, क्योंकि शरीर को 24 घंटे के बाद संरक्षित नहीं किया जा सकता। ज्यादा जानकारी के लिए विभाग की वैबसाइट पर जांच की जा सकती है।
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