108 एम्बुलेन्स कर्मचारी  सीएम से मिले

शिमला।प्रदेश में चलाई जा रही 108 व 102 एंबुलैंस सेवा में कार्यरत कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को पीटरहॉफ में मुखयमंत्री से मिलते हुए कर्मचारियों ने कहा कि जयराम जी आश्वसन बहुत हो गया है, अब हमें कंपनी से ज्वाइनिंग लेटर दिलवाओं वरना शिमला में ही ढेरा डालेंगे। एंबुलैंस कर्मचारी तब तक शिमला से नहीं जाएंगे जब तक ज्वाइनिंग लेटर नहीं मिलते हैं। सरकार ने मेडसवान फाउंडेशन कंपनी को टैंडर दिया है। कंपनी ने कुछ कर्मचारियों को ज्वाइनिंग लेटर दिए है कहियों को नहीं दिए है। प्रदेश एंबुलैंस कर्मचारी युनियन के अध्यक्ष पूर्णचंद ने कहा कि कर्मचारियों के साथ अगर खिलवाड़ किया गया तो बदार्शत नहीं किया जाएगा। जितने कर्मचारी पहले से ही एंबुलैंस में सेवाएं दे रहे है उन सभी को ज्वाईनिंग लेटर मिलने चाहिए और उन्हें नौकरी से विल्कुल भी ना निकाला जाए। कर्मचारी ने 90 व 60 दिन की टें्रनिंग की है और काफी सालों का अनुभव है। 10 सालों से भी अधिक समय नौकरी करते हुए हो गया है। अब इन कर्मचारियों को बैरोजगार होकर घर बैठना पडऩा है। प्रदेश में कुल 1200 के करीब कर्मचारी है। कुछ कर्मचारियों को ऑफर लेटर ना मिलने से कर्मचारियों में काफी रोष पनप गया है। हिमाचल में 108 एंबुलैंस सेवा का जिम्मा मेडसवान फाउंडेशन को आगामी 4 वर्ष के लिए दिया गया है। ऐसे में अब प्रदेश मेें चल रही 108 एंबुलेंस सेवा के तहत 200 और 102 सेवा के तहत 125 एंबुलेंस है। इसमें जितने भी कर्मचारी है उन्होंने कोरोना काल में भी अपनी सेवाएं बखूबी से दी है। किसी भी तरह से कोई लापवाही नहीं बरती है और कोरोना के मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाया है। इस अवसर पर मुखयमंत्री ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि इस बारे में कंपनी से बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि पहले भी कंपनी को बताया गया है। जल्द ही कर्मचारियों की मांग पूरी जाएगी।

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