December 22, 2024

हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समन्वय समिति का शिमला स्थानीय बस अड्डे पर प्रबंधन के ख़िलाफ़ हल्ला बोल।

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शिमला। हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समन्वय समिति के आहवान पर  परिवहन कर्मचारियों ने एचआरटीसी मुख्यालय शिमला में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर चिन्ता व्यक्त करते हुए रोष प्रकट किया गया कि निगम प्रबंधन द्वारा संयुक्त समन्वय समिति के साथ पूर्व में किए गए समझौतों पर अमल न करना, जनवरी 2016 से 13% आईआर, डीए जनवरी 2019 से 4%, 5% जुलाई 2016 से व 6% जुलाई 2021 से, कुल डीए 15%, 32 महीनों का नाईट ओवर टाइम, पेंशन, ग्रेच्युटी, कम्यूटेशन, लीव इंकैशमेंट, जीपीएफ, मेडीकल रिमवर्समेंट   कई प्रकार के एरियर आदि कर्मचारियों के लगभग 500 करोड़ के रूपए के लम्बित वित्तीय भुगतान देय है। जिससे कर्मचारी अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है। कर्मचारियों के वित्तीय बकाया राशी का भुगतान दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
वित्तीय मांगों के अतिरिक्त भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करना, पीस मील कर्मचारियों को एकमुश्त अनुबंध पर लाना, चालकों का पूर्व की भांति 9880/- रुपए का आरम्भिक वेतनमान बहाल करना, परिचालको को आरम्भिक वेतनमान एवं एसीपी स्कीम का लाभ देना, निगम में रिक्त पड़े पदों को शीघ्र भरना, वैट लीज पर चल रही बसों को बन्द करना, पेंशन के लिए प्रदेश सरकार के बजट में प्रावधान करना, पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करना, यात्री परिवहन का राष्ट्रीयकरण करना, निजी रूट परमिट देने पर पूर्ण रोक लगाना, कर्मचारियों को प्रताड़ित व उकसाने के लिए बेवजह उनके खिलाफ की गई कार्यवाही को रद्द करना एवं  दिनांक 05-08-2021 को दिए गए समिति के मांग पत्र पर कार्यवाही एवं वार्ता करना आदि अनेकों समस्याएं समाधान के इन्तजार में खड़ी है परन्तु निगम प्रबंधन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा। जिस कारण कर्मचारियों में भारी रोष पनप रहा है।
 अतः संयुक्त समन्वय समिति ने सर्वसम्मति से  निर्णय लिया गया कि आन्दोलन के दूसरे चरण में लम्बित मांगों को मनवाने के लिए संयुक्त समन्वय समिति के तत्वावधान में औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के अंतर्गत परिवहन कर्मचारी दिनांक 11-10-2021 से प्रत्येक यूनिट में प्रतिदिन गेट मीटिंग करेंगे तथा 18-10-2021 को निगम के कर्मचारी एक दिन के काम छोड़ो आन्दोलन पर रहकर अपने अपने कार्य का बहिष्कार कर निगम प्रबंधन के खिलाफ रोष प्रकट करेंगे। आंदोलनात्मक कार्यवाही को बाध्य करने की सारी जिम्मेवारी निगम प्रबंधन की होगी।

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