September 16, 2025

प्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग सयुंक्त मोर्चे ने किया सामान्य आयोग के गठन का विरोध, बताया गैर सवैधानिक

शिमला, :हिमाचल में सवर्ण आयोग के गठन को लेकर सरकार घिरती नज़र आ रही है। हिमाचल में बढ़ते जातीय तनाव व दलितों के अधिकारों की रक्षा के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग सयुंक्त संघर्ष बनाया गया है। मोर्चा के आरोप है कि  सवर्ण आयोग की आड़ में प्रदेश में शांति भंग करने की कोशिश की जा रही है। मोर्चा स्वर्ण आयोग के गठन का विरोध करता है। 80 फ़ीसदी सरकारी नोकरी  सामान्य वर्ग के पास है। इस पर कोई आवाज़ नही उठाता है। सवर्ण व दलित के बीच खाई कम करने के लिए दिए गए आरक्षण पर हाय तौबा मची हुई है। जातिवाद के बंधन ख़त्म नही हो पाए है। ऐसे में आरक्षण ख़त्म करने की मांग बेमानी है।
ये बात हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग सयुंक्त संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता प्रेम धरैक ने कही। उन्होंने बताया कि अनुसूचित व अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण न के बराबर है। इन आरक्षित पदों में भी लंबा बैकलॉग चला हुआ है। कई पदों पर योग्यता के अभाव में पदों को ख़त्म कर दिया जाता है। उच्च पदों पर 99 फ़ीसदी आरक्षित पहली बार पहुँचते हैं। पदोन्नति में आरक्षण तक हिमाचल सरकार नही दे रही है। आरक्षण को आर्थिक आधार पर तोलना गलत है। क्योंकि आरक्षण पिछड़े व समानता लाने के लिए है। आज तर्क दिया जा रहा है कि जातीय आधार पर आरक्षण न देकर आर्थिक आधार पर होना चाहिए। लेकिन आज भी जातीय भेदभाव की दीवारें टूट नही पाई है।

About Author