शिमला। राजधानी शिमला में गुरु पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। गुरु शब्द सुनते ही प्रत्येक मनुष्य के दिमाग में एक आलौकिक छवि सामने आ जाती है। हिंदू धर्म ग्रंथों में गुरु की महिमा का खूब बखान किया गया है। गुरु ही मनुष्य को मनुष्य बनाता है। बिना गुरु के कोई ज्ञान पाना असंभव है इसीलिए गुरु को भगवान के समान माना जाता है। गुरुओं की महिमा के बारे में भारत के लगभग हर धर्म और संप्रदाय में कुछ ना कुछ देखने को मिलेगा जो यह संस्कृति का एक हिस्सा है। इसी संस्कृति को कुछ धर्मो में लोगों ने पर्व त्योहार के माध्यम से संजो कर रखा है। ऐसा ही एक पर्व है गुरु नानक जयंती भी है। गुरु नानक जी के जन्मदिवस को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। गुरु नानक जयंती कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इसी कड़ी में राजधानी शिमला मे गुरु नानक गुरूपूर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया।राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने शुक्रवार को सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव के प्रकाशोत्सव के अवसर पर कार्ट रोड स्थित गुरुद्वारा साहिब का दौरा किया तथा शब्द कीर्तन में भाग लिया।राज्यपाल ने इस पवित्र दिवस पर सिख समुदाय को शुभकामनाएं दी और कहा कि गुरु नानक देव जी ने सदैव प्रेम, शांति और साम्प्रदायिक सद्भाव को सर्वोपरि मानते हुए विश्व बंधुत्व की भावना का प्रसार किया। उन्होंने श्री गुरू नानक देवी जी की शिक्षाओं का अनुसरण करने व उन्हें जीवन में आत्मसात करने पर बल दिया।
गुरुद्वारा सिंह सभा के अध्यक्ष सरदार जसविंदर सिंह ने राज्यपाल को सिरोपा, गुरु नानक देव जी की तस्वीर और कृपाण भेंट किया।
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