शिमला। मंडी संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह की धर्मपत्नी प्रतिभा सिंह के बयान पर भाजपा ने तंज कसा है। दरअसल, प्रतिभा सिंह ने मंडी रैली के दौरान ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर के चुनाव लड़ने पर कहा था कि चुनाव सेना का मैदान नहीं है। इसी बयान को लेकर हिमाचल भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह को खरी-खरी सुनाई है।
हिमाचल भाजपा प्रभारी ने कहा कि तथाकथित महलों में जन्मी और महलों में रहने वाली प्रतिभा सिंह को क्या पता कि सैनिकों की चुनौतियां क्या होती हैं। सुविधा संपन्न जीवन जीने वालों को सब कुछ मैदान की तरह आसान लगता है। जबकि सैनिक देश के लिए अपने घर और परिवार से दूर कभी बर्फीले पहाड़ों, कभी तपते रेगिस्तानों तो कभी उफनते समंदर का सामना करता करते हैं। वे मैदान में नहीं, दुश्मन की गोलियों के बीच सीमाओं पर बने बंकरों में रहकर देश की रक्षा करते हैं।
अविनाश राय खन्ना ने कहा कि सैनिकों का काम तो हर वक्त चुनौतियों से जूझना है। सैनिक हार-जीत की चिंता किए बिना युद्ध के हर मोर्चे पर डटा रहता है। वह कभी भी मैदान नहीं छोड़ता। प्रतिभा सिंह बताएं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में हार के भय से मैदान क्यों छोड़ा था, जो आज राजनीतिक अखाड़े की बात कर रही हैं।
बकौल हिमाचल बीजेपी प्रभारी, हमारी पार्टी ने इस बार मंडी संसदीय सीट से एक सैनिक को चुनावी मैदान में उतारा जिनसे कांग्रेस प्रत्याशी सामना नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने प्रतिभा सिंह को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि पहले ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने सेना में रहते हुए देश की रक्षा की, अब मंडी संसदीय सीट भारी बहुमत से जीत कर जनता की सेवा करेंगे।
उन्होंने ने प्रतिभा सिंह से पूछा कि जब वह पूर्व में सांसद थीं तो जनता के बीच घूमने की मंशा क्यों नहीं रखती थी। आज जब उन्हें लगता है कि सहानुभूति लाकर उनकी राह आसान हो सकती है तो चुनाव लड़ रही हैं, ऐसा संभव नहीं होगा।
अविनाश राय खन्ना ने कहा कि जनता प्रतिभा सिंह को मौका देकर देख चुकी है। उन्हें अब तक दो बार सांसद बनाया गया, लेकिन उन्होंने जीत कर जनता की सुध लेना भी गवारा नहीं समझा। यही वजह है, कि उन्हें एक चुनाव में हार देखनी पड़ी तो दूसरे चुनाव में वो बीजेपी का सामना करने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाईं।
भाजपा नेता ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रतिभा सिंह को स्व. रामस्वरुप शर्मा ने पराजित किया तो 2019 के चुनाव में वो पहले ही हार मान चुकी थीं, तभी मैदान से पीछे हट गई थीं। भाजपा नेता ने कहा कि मंडी संसदीय सीट समेत तीनों विधानसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की ही जीत होगी।
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