एचआरटीसी पेंशनर मंच ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा 18 अक्टूबर को प्रदर्शन की चेतावनी

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शिमला :एचआरटीसी पेंशनर मंच ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है पेंशनर्स ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि वह उनकी नियमित रूप से पेंशन नहीं देंगे मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ेगा शनिवार को राजधानी शिमला में एचआरटीसी पेंशनर समस्या समाधान मंच एक पत्रकार वार्ता में कहा कि उन्हें समय पर पेंशन नहीं मिलती है अभी तक पेंशन एक महीना हो गया नहीं मिला है मंच के संयोजक अशोक पुरोहित ने कहा कि एचआरटीसी पेंशनर को अपनी पेंशन के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ रही है उनका कहना था कि बाकी जो अन्य लाभ होते हैं वह तो मिलते ही नहीं है बल्कि पेंशन भी समय पर नहीं मिलती उनका कहना था कि पिछले माह 28 तारीख को पेंशन आई और जब कि अभी तक पेंशन नहीं आई है उनका कहना था कि पेंशनर को अपना परिवार चलाने के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ रही है उन्होंने कहा कि जो एचआरटीसी से सेवानिवृत्त होते हैं उन्हें 1 साल तक भटकना पड़ता है उसके बाद जाकर कहीं उनकी पेंशन लगती है उन्होंने कहा कि करो ना कॉल में एचआरटीसी ने बेहतर कार्य किया है वहां भी बसें पहुंचाई है जहां अन्य बसे नहीं जा रही थी उनका कहना था कि एचआरटीसी उत्तर भारत का पहला ऐसा है जो दूर-दराज तक बसें चलाई है उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को नहीं मान रही है अशोक पुरोहित ने कहा कि अपनी पेंशन की समस्या को लेकर वह मंत्री से लेकर सीएम तक मिल चुके हैं लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है उन्होंने कहा कि अब उनका सब्र का बांध टूटने लगा है उनका कहना था कि अब उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ेगा अशोक पुरोहित ने कहा कि आने वाले 18 अक्टूबर को शिमला ओल्ड बस स्टैंड में सभी पेंशनर व कर्मचारी धरना प्रदर्शन करेंगे सरकार का विरोध करेंगे उनका कहना था कि सरकार उनके लिए कोई नीति नहीं बना रही है सरकार में बैठे मंत्री पेंशनर की समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं जिससे पेंशनर को परेशानी उठानी पड़ रही है अशोक पुरोहित ने कहा कि यदि सरकारों की बात नहीं मानती है तो उन्हें आमरण अनशन वह आत्मदाह करने को मजबूर होना पड़ेगा उनका कहना था कि एचआरटीसी में वर्तमान में 8000 के लगभग पेंशनर है जो पेंशन के लिए जूझ रहे हैं उन्हें पेंशन नहीं मिल पा रही उनका कहना था कि अन्य जो वित्तीय लाभ है वह किसी भी फैसले को नहीं मिले हैं जिससे फैशनस में मायूसी है उन्होंने सरकार से मांग की है कि एचआरटीसी पेंशनर की समस्या का समाधान जल्द किया जाए अन्यथा उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा

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