आईजीएमसी में जल्द मिलेगी पैट स्कैन की सुविधा, 15 अगस्त तक एमआरआई की नई मशीन होगी स्थापित, साल में सिर्फ 4 महीने बनेंगे हिम केयर कार्ड, 

शिमला।आईजीएमसी में 15 अगस्त तक 24 करोड़ की लागत से नई एमआरआई मशीन लगेगी। मशीन का ऑर्डर कर दिया है अब जल्द ही मशीन पहुंचने का इंतजार है। अस्पताल में जो नए एमआरआई मशीन को स्थापित किया जाएगा, वो मशीन पूरी तरह से आधुनिक होगी। आईजीएमसी में ये मशीन दूसरी होगी। अस्पताल में जो पहले एमआरआई की मशीन लगी है वो मशीन 16 से 17 साल पुरानी है। एक दिन में इस मशीन से 30 एमआरआई ही किए जाते है। आपातकालीन व रूटीन के एमआरआई इस मशीन से किए जाते है। सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक इस मशीन में एमआरआई किए जाते है। इसके बाद आपातकालीन में भी इसमें टेस्ट किए जाते है। अस्पताल के एमएस डॉ. राहुल रॉव ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अस्पताल में नए मशीन लगने के बाद दो एमआरआई मशीन होगी। इसके बाद मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए तीन से चार महीने की वेटिंग नहीं दी जाएगी। अभी मरीजों को एमआरआई करवाने के लिए तीन से चार महीने का इंतजार करना पड़ता है, लेकिन अब मरीजों को इससे राहत मिलेगी। एक एमआरआई करवाने के लिए मरीजों का आधे घंटे का समय लगता है। अस्पताल में पहले उन मरीजों के टेस्ट किए जाते है जिन की बहुत ज्यादा आपातकालीन स्थिति होती है। इसके कारण सामान्य मरीजों को महीनों बाद की तारीख दी जाती है।
सितंबर में मिलेगी पैट स्कैन मशीन
आईजीएमसी में इसी साल सितंबर में पैट स्कैन मशीन स्थापित हो जाएगी। पैट स्कैन मशीन के महत्वपूर्ण पार्ट्स जर्मनी से अगले महीने तक शिमला पहुंच जाएंगे। इसके बाद मशीन को लगाने का कार्य और तेजी से शुरू होगा। मशीन की खरीद प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है और इसके मुख्य हिस्से अमेरिका और जबकि कुछ तकनीकी और संवेदनशील पार्ट्स जर्मनी से मंगवाए हैं। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार जर्मनी से आने वाले इन पार्ट्स (उपकरणों) के बिना मशीन को स्थापित नहीं किया जा सकता। मशीन का परीक्षण एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड के निर्देशों और रेडिएशन सेफ्टी ऑफिसर की देखरेख में किया जाएगा। जांच के दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मशीन पूरी तरह सुरक्षित है और इससे किसी भी प्रकार की रेडिएशन लीकेज नहीं हो रही है। सुरक्षा मानकों को पूरा करने के बाद ही मरीजों की जांच शुरू होगी।
चंडीगढ़ के चक्कर लगाने से मिलेगा छुटकारा
एमएस डॉ. राहुल रॉव का कहना है कि पैट स्कैन सेवा नियमित रूप से शुरू कर दी जाएगी, ताकि प्रदेश के कैंसर मरीजों को चंडीगढ़ के चक्कर लगाने से पूरी तरह छुटकारा मिल सके। आईजीएमसी में लगातार चिकित्सा उपकरणों और तकनीकों में सुधार किया जा रहा है, जिससे मरीजों को बेहतर उपचार मिल सकेगा। उन्होंेने कहा कि 322 नर्सों के पदों को भरा जाएगा।

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