शिमला।शिमला के संजौली इलाके में सोमवार को तनाव की स्थिति बन गई जब देवभूमि संघर्ष समिति ने विवादित मस्जिद के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किया। पुलिस ने हालात को देखते हुए समिति के सदस्यों को वहां जाने से रोक दिया। इसके विरोध में समिति से जुड़े लोगों ने सड़क पर प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। समिति के सह-संयोजक विजय शर्मा ने कहा कि जब तक कोर्ट से कोई अंतिम आदेश नहीं आता, उस स्थान पर जुमे की नमाज नहीं होनी चाहिए। उनका दावा है कि यह स्थल अवैध है और जमाबंदी में इसे देवस्थान के रूप में दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने उन्हें हनुमान चालीसा पढ़ने से रोका है, तो मुस्लिम समुदाय को भी वहां नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। अगर ऐसा हुआ, तो पूरे प्रदेश में आंदोलन होगा और हजारों सनातनी लोग संजौली पहुंचेंगे।
वहीं समिति के दूसरे सह-संयोजक मदन ठाकुर ने कहा कि उन्हें सड़क पर बैठाकर हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री और पुलिस प्रशासन का धन्यवाद किया कि उनकी सुरक्षा की गई, लेकिन सवाल उठाया कि अगर समय रहते सुरक्षा न मिलती, तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी। मदन ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि शिमला में कुछ बाहरी लोग अवैध रूप से रह रहे हैं और प्रशासन उन्हें रोकने में नाकाम है। उन्होंने पूछा कि जब हिंदू समुदाय कानून का पालन कर रहा है, तो मुस्लिम समुदाय को भी संविधान और इस्लाम के नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर शुक्रवार को फिर से विवादित स्थल पर नमाज अदा की गई, तो वह अंतिम जुमे की नमाज होगी। इसके बाद वहां नमाज नहीं होने दी जाएगी – चाहे बात से हल हो या संघर्ष से। उन्होंने प्रशासन से बिजली-पानी की सप्लाई काटने और आवाजाही पर रोक लगाने की मांग की है। समिति ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन प्रदेशव्यापी होगा और जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
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