शिमला: माकपा जिला कमेटी शिमला शहर की ऐतिहासिक धरोहर व सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रिज मैदान के एक हिस्से के धंसने पर चिंता व्यक्त की है और इसके संरक्षण को लेकर नगर निगम शिमला व प्रदेश सरकार के ढुलमुल रवैये की कड़ी निंदा की है। माकपा ने कहा कि नगर निगम शिमला व सरकार यदि समय रहते रिज मैदान के संरक्षण व जीर्णोद्धार के कार्य को तुरंत आरंभ नहीं करती तो सीपीएम जनता को लामबंद कर सरकार के इस ढुलमुल रवैये के विरुद्ध आंदोलन करेगी।
माकपा जिला सचिव और पूर्व मेयर संजय चौहान ने कहा किइसका एक हिस्सा लगभग एक दशक से अधिक समय से क्षतिग्रस्त हो रहा है और हर वर्ष बरसात के मौसम में इस क्षतिग्रस्त भाग में दरारें पैदा हो जाती है और सरकार मात्र लीपापोती कर अपना पल्ला झाड़ देती है। उन्होंने मांग उठाई कि सरकार व नगर निगम शिमला रिज मैदान के संरक्षण व जीर्णोद्धार के लिए योजना बनाकर तुरंत इस पर अमल करें।
उन्होंने कहा कि पूर्व नगर निगम ने वर्ष 2012 में इसके संरक्षणए जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण के लिए एक व्यापक योजना बनाने का कार्य आरंभ किया था और लोक निर्माण विभाग के आर्किटेक्ट प्लानर के सहयोग से 30 करोड़ रुपए की लागत से एक व्यापक परियोजना तैयार की गई थी। इसका आईआईटी रुडक़ी से से सर्वेक्षण व आंकलन करवाया गया था। आईआईटी रुडक़ी ने जो अपनी रिपोर्ट दी थी, उसमें स्पष्ट किया था कि इस स्थान पर 4 मीटर से 9 मीटर तक मिट्टी है और उसके बाद एक चट्टान है। इस रिपोर्ट के आधार पर जो परियोजना बनाई गई थी उसमें इस मिट्टी को उठाकर चट्टान पर एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, पार्क व सैरगाह तैयार करने की योजना बनाई गई थी।
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