शिमला।आईजीएमसी शिमला के शरीर क्रिया विभाग द्वारा आयोजित सीएमई कार्यक्रम “पेन: ब्लेम इट ऑन क्लाइमेट चेंज – मिथ या रियलिटी” में लगभग 80 डॉक्टरों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और दर्द के बीच संभावित संबंध को समझना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ सीता ठाकुर, प्रिंसिपल आईजीएमसी ने किया। इस अवसर पर डॉ ओपी टंडन, सीनियर फिजियोलॉजिस्ट और डॉ शशिधर, सीनियर साइंटिस्ट, हिमकोस्ट विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। डॉ सीता ठाकुर ने कहा कि यह कार्यक्रम आईजीएमसी शिमला के शरीर क्रिया विभाग द्वारा आयोजित किया गया था और इसमें विभिन्न राज्यों के डॉक्टरों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य के बीच संबंध को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यक्रम में डॉ विकास, रुमेटोलॉजिस्ट ने ऑटोइम्यून बीमारियों और जलवायु परिवर्तन के संभावित संबंध पर गहन चर्चा की। इसके अलावा, पोस्टर प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता में डॉ रजत कौंडल ने पहला स्थान और डॉ हर्षिता ग्रोवर ने दूसरा स्थान प्राप्त किया।
सीएमई के चेयरमैन डॉ अनीता पदम और जनरल सेक्रेटरी डॉ युवराज ने इस सफल आयोजन के लिए धन्यवाद व्यक्त किया। प्राचार्या और अन्य फैकल्टी ने इस आयोजन की सराहना करते हुए इसे क्लिनिकल प्रैक्टिस से परे सोचने का एक अवसर बताया।यह कार्यक्रम जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य के बीच संबंध को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे डॉक्टरों को अपने क्लिनिकल प्रैक्टिस में नए दृष्टिकोण को अपनाने में मदद मिलेगी।
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