, शिमला ।आईजीएमसी से निकाले गए सुरक्षा को लेकर सीटू कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें यह निर्णय लिया गया है कि 1 फरवरी से आईजीएमसी में उग्र आंदोलन होगा। विजेंद्र मेहरा का कहना है कि पुरानी कंपनी रेनबो एंटर प्राइजिज ने सुरक्षा कर्मियों का अभी तक 4 महीने का इपीएफ तक नहीं डाला है ना ही सुरक्षा कर्मियों का ईएसआई जमा किया है। इन सबका जिम्मेवार कौन है। आजकल सिक्योर गार्ड कंपनी से चार सुरक्षा कर्मियों को गैर कानूनी तरीके से निकाला गया है। ये वो सुरक्षा कर्मी जो मजदूरों के हित में आवाज बुलंद करते थे हमेशा इपीएफ और सैलरी जो सात तारिक से पहले मिल जानी चाहिए। मजदूरों की छुट्टीयों और मजदूरों से डबल काम लिया जाता है जो की गैर कानूनी है अगर किसी मजदूरों से डबल काम लिया जाता है तो उसका ओवर टाइम देना पड़ता है जो की मजदूरों को नहीं मिलता है। अब एक फरवरी से आईजीएमसी में आंदोलन तेज होगा। जिसमें चतुर्थी श्रेणी के प्रधान वीरेंद्र लाल और नोख राम सफाई कर्मियों की प्रधान निशा सरीना विधा शामिल होंगे। सभी मजदूरों का कहना है की आईजीएमसी मंे आंदोलन तेज करना होगा। 14 साल से काम कर रहे सुरक्षा कर्मियों को इस तरह नौकरी से निकालना कानून की हत्या है। साथ ही विजेंद्र मेहरा का कहना यह भी है की अगर रेनबो कम्पनी एक सप्ताह तक मजदूरों का इपीएफ और ईएसआई जमा नहीं करती है तो उनके ऊपर कानूनी कार्यवाही अमल मे लाई जाएगी और जो नई कम्पनी सिक्योर गार्ड है इनका भी इपीएफ अभी तक जमा नहीं हुआ है। सरकार से चाहते है की इन मामलों में तुरंत हस्तक्षेप करें, जो लोग अराजकता का माहौल तैयार कर रहे है। उनके ऊपर कानूनी कार्यवाही की जाए और नकाले गए चारो सुरक्षा कर्मियों को तुरंत सिक्योर गार्ड कम्पनी नौकरी में वापिस ले। इस बैठक में विजेंद्र मेहरा, बालक राम, आईजीएमसी अस्पताल से प्रवीण शर्मा, सनी, भूमि, उषा, वीरेंद्र लाल, नोखराम, निशा, सरीना व विद्या आदि सभी मजदूर शामिल रहे।
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