December 22, 2024

आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग को लेकर क्षत्रिय महासभा 16 अगस्त को सीएम को सौपेगी ज्ञापन

शिमला।आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग को लेकर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने अपनी रथयात्रा शुरू कर दी है। शिमला में पत्रकारों से बात करते हुए अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग को लेकर 7 अक्टूबर 2022 तक रथयात्रा चलेगी। पंजाब , हिमाचल , उत्तराखंड , हरियाणा , राजस्थान , मध्य प्रदेश , महाराष्ट्र , छत्तीसगढ़ , बंगाल , झारखण्ड , बिहार , असम , मेघालय , उत्तर प्रदेश से होकर राजघाट व जंतर मंतर दिल्ली पर ये रथ यात्रा संपन्न होगी। 16 अगस्त को इस मामले को लेकर सीएम जयराम ठाकुर को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।
उनका कहना है कि संविधान में संशोधन के द्वारा आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाए। तब तक वर्तमान आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण का दायरा बढ़ाया जाए। क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास में छेड़छाड को तुरंत रोका जाए। सामाजिक समानता लाने के लिए जातिगत भेदभाव एवं अस्पृश्ता को समाप्त कर लोगों में परस्पर प्रेम व सौहार्द बढ़ाने के लिए आगे आना चाहिए। एससी,एसटी एक्ट का दुरुपयोग बंद किया जाए और दहेज प्रथा व मृत्युभोज बंद किया जाए। उनका कहना है कि भष्ट्राचार को समाप्त कर कृषि को कर मुक्त कर कृषि उपज का न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया जाए।

वर्ष 1980 से कर रहे हैं आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा सन् 1980 से आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग करती रही है। वर्ष 2001 में महामहिम राष्ट्रपति को इस हेतु लाखों हस्ताक्षर युक्त मांग पत्र दिया गया। 17 अक्टूबर 2010 से 13 मार्च 2011 तक व 9 अगस्त 2017 से 19 नवम्बर 2017 तक दो बार आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग को लेकर कश्मीर से कन्याकुमारी व कन्याकुमारी से दिल्ली तक 8 महीने के दौरान देशभर में लगभग 70 हजार किलोमीटर तक की रथ यात्राऐं निकाली गई। इसके फलस्वरूप 2013 में हरियाणा सरकार ने कानून पास कर सवर्ण जातियों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया।

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