शिमला। हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आइजीएमसी के प्रिंसिपल का पदभार आज डॉक्टर सीता ठाकुर ने संभाल लिया। प्रिंसिपल का पदभार संभालने के बाद उन्होंने कहा कि मैं मूल रूप से कमला नेहरू अस्पताल में ही लंबे समय से सेवारत रही हूं । आइजीएमसी से लेकर कमला नेहरू अस्पताल सभी की समस्याओं को जानती हूं । दोनों ही अस्पतालों पर मरीजों का हमेशा ही अतिरिक्त भार रहता है। ऐसा यहीं नहीं हैं, दिल्ली के एम्स व चंडीगढ़ के पीजीआई, जो भी बड़ा अस्पताल होता है, वहां पर मरीजों का ज्यादा भार रहता ही है। वहां पर मरीजों का ज्यादा भार रहता है। हर मरीज को बेहतर से बेहतर सुविधा मिले, इसका सबसे ज्यादा ध्यान रखा जाएगा। आइजीएमसी व कमला नेहरू अस्पताल के बीच में काफी दूरी है । इस कारण मरीजों को कई सुविधाओं न होने के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि केएनएच में ऐसे मरीज होते हैं, जिनको कार्डियोलॉजी से लेकर अन्य डिपार्टमेंट की सलाह लेनी होती है। ऐसे मरीजों को यहां लाना मुश्किल हो जाता है । इसलिए इन दोनों अस्पतालों की दूरी को कैसे कम किया जा सकता है। इसके लिए कोई प्लान तैयार किया जाएगा । इसका प्रोसेस शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वहां पर कई सुविधाएं ऐसी चाहिए जो वहां पर नहीं है । उन्हें मुहैया कराने के लिए भी विशेष प्रयास किए जाएंगे।
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कोरो ना आज के समय में सबसे बड़ी चुनौती
आईएमसी के नए प्रिंसिपल डॉक्टर सीता को ने कहा कि कोरोना आज के समय में सबसे बड़ी चुनौती है । अस्पताल के लिए ये ओर बड़ी हो जाती है। और बड़ी इसलिए हो जाती है क्योंकि यहां पर लोग भारी संख्या में अपने इलाज के लिए आते हैं। उन्हें शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करवाना एक बहुत बड़ी चुनौती है । इसलिए सभी को अस्पताल आने के बाद मस्क का प्रयोग करना और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करना अनिवार्य किया जाएगा। उन्होंने मरीजों से अपील की है कि इसमें अस्पताल प्रशासन सरकार का सहयोग करें ताकि आने वाले समय में कोरो ना कि इस गति को थामकर पूरी तरह से खत्म किया जा सके।
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