अदाणी एग्री फ्रेश लाया डिजिटल मंडी, सेब किसानों को मिलेगा भरपूर फायदा
– डिजिटल मंडी तकनीक के जरिए सेब किसानों की जिंदगी होगी आसान
– यह कृषि उत्पादों के लिए अपनी तरह का पहला तकनीक-सक्षम बाज़ार है।
– डिजिटल मंडी का यह प्लेटफ़ॉर्म सात दिनों के भीतर डिजिटल भुगतान करेगा सुनिश्चित।
– पूरे भारत के खरीदार सेबों की डिजिटल बोली प्रक्रिया में हो सकेंगे शामिल।
शिमला. हिमाचल प्रदेश की सेब अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, अदाणी एग्री फ्रेश ने कल बिठल-रामपुर में अपनी अग्रणी डिजिटल मंडी का शुभारंभ किया। यह तकनीक सेब व्यापार के क्षेत्र में पारदर्शिता, गति और किसान सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी छलांग है।
यह कदम किसानों की सहूलियत को ध्यान में रख कर उठाया गया है। इस तकनीक को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि पैकेजिंग, मूल्य निर्धारण और भुगतान में देरी जैसी लंबे समय से चली आ रही कमियों को दूर किया जा सके। अब किसानों को न तो बॉक्स खरीदने की जरूरत होगी, न ही महँगी पैकिंग में निवेश करना पड़ेगा। किसान ताज़ा सेब क्रेट्स में भरकर मंडी ला सकते हैं, बाकी का काम मंडी में ही होगा। यहां पर अदाणी की टीम आधुनिक तकनीक से फलों की छंटाई, वजन और गुणवत्ता के अनुसार वर्गीकरण करेगी। यह पूरा प्रोसेस बिना किसी पक्षपात के मशीनों द्वारा किया जाएगा।
अदाणी एग्री फ्रेश लिमिटेड के बिजनेस हेड मनीष अग्रवाल ने कहा –
“अदाणी समूह हिमाचल प्रदेश के किसानों के कल्याण के लिए काम कर रहा है। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उनके उत्पादों के लिए सही मूल्य मिले। यह ‘डिजिटल मंडी’ हमें हिमाचल प्रदेश के सेब किसानों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में मदद करेगी और वे अपनी आय को अधिकतम कर सकेंगे। यह फसल की बिक्री और खरीद की पूरी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय भी बनाएगी।”
फलों की डिजिटल बोली प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए, पूरे भारत के खरीदार वर्चुअल या व्यक्तिगत रूप से भाग ले सकते हैं, और उन्हें हर खेप की रीयल-टाइम तस्वीरें और गुणवत्ता डेटा उपलब्ध होगा। भुगतान सात दिनों के भीतर डिजिटल रूप से किए जाएंगे, जिससे किसानों को अपनी कमाई जल्द मिलेगी।
यह पहल खरीदारों और नीति निर्माताओं, दोनों के लिए समान रूप से लाभदायक है। खरीदारों को ग्रेडेड उत्पाद, पारदर्शी मूल्य निर्धारण और क्रेडिट-लिंक्ड खरीदारी तक पहुंच प्राप्त होगी, जबकि नीति निर्माता योजना, अनुपालन और बेहतर प्रबंधन के लिए रीयल-टाइम डेटा का लाभ उठा सकते हैं।
यह डिजिटल मंडी एक नई तकनीक के इस्तेमाल से कहीं अधिक, कृषि व्यापार में एक क्रांतिकारी बदलाव है। यह बदलाव हिमाचल प्रदेश के सेब किसानों के लिए निष्पक्षता, दक्षता और डिजिटल सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरुआत कर रहा है।
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